फोक रिदम व नृत्य के जरिए दी मोहरी निनाद की प्रस्तुति
रायपुरPublished: Jan 31, 2020 05:58:06 pm
मुक्ताकाश मंच पर रंगमध्यदक्षिणी के दूसरे व आखिरी दिन अंतरराष्ट्रीय कलाकार विवेकानंद भारती के निर्देशन में मोहरी निनाद की प्रस्तुति दी गई। इसमें फोक रिदम और नृत्य के अलावा ड्रामा था।
फोक रिदम व नृत्य के जरिए दी मोहरी निनाद की प्रस्तुति
रायपुर. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे तो खूब लग रहे हैं। हालांकि कोशिश में कमी नहीं लेकिन जागरुकता उतनी नहीं जितनी होनी चाहिए। एेसे में बेटियां जब स्वयं किसी की जान लेने की बजाय शिक्षा का रास्ता अपनाए तो यह एक तरह से मिसाल मानी जाएगी।
मुक्ताकाश मंच पर रंगमध्यदक्षिणी के दूसरे व आखिरी दिन अंतरराष्ट्रीय कलाकार विवेकानंद भारती के निर्देशन में मोहरी निनाद की प्रस्तुति दी गई। इसमें फोक रिदम और नृत्य के अलावा ड्रामा था। बेटियों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में लोक शैली नृत्य नाटिका का क्लामेक्स यह संदेश देकर गया कि हिंसा के लिए समाज में कोई जगह नहीं है। ज्ञान की रौशनी से जीवन को संवारा जा सकता है। १ घंटे के कार्यक्रम में ओडिशा का कल्चर दिखाया गया है। शुरुआत में मोहरी और रिदम सामने आते हैं। जयकारा के बाद पूजा हुई जो कि शक्ति को समर्पित रही।
नाटक की ये है कहानी
गांव में उत्सव चल रहा है। इसमें गांव के मुखिया को बुलाते हैं। गांव की एक बालिका पर मुखिया की नीयत खराब हो जाती है। एक बार वही लड़की कहीं से आ रही होती है। मुखिया उसे रोककर
छेड़खानी करता है। युवती उसे थप्पड़ जड़ देती है। मुखिया बदले की आग में जल रहा होता है और उसकी बलि चढ़ा देना चाहता है। पूरी प्लानिंग के साथ वह बलि की तैयारी में रहता है लेकिन बेटियां पहले ही मुखिया की बलि की तैयारी कर चुकी होती हैं। वह बलि देती इससे पहले ही परिजन पहुंच जाते हैं और उसके सामने किताब रख देते हैं। युवती किताब को देखकर कुछ सेकंड के लिए फ्लैशबैक पर चली जाती है जहां उसने एजुकेशन को प्रायोरिटी देकर सिविल सर्विसेस का सपना देखा होता है। कहते हैं अंत भला तो सब भला। मुखिया को अभयदान देकर शिक्षा को गले
लगा लेती है।