वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने बताया, करीब 5:30 बजे निगम की टीम वहां पहुंची इसकी सूचना मिलने पर वे मौके पर पहुंचे और अमले से रात के बजाए अगले दिन कार्रवाई की मांग को लेकर मकान के दरवाजे पर बैठ गए। इस दौरान निगम अधिकारियों और उनके बीच बहस हुई। जिसके बाद पुलिस ने मुझे पकड़ कर कार में बिठाया और करीब दो घंटे तक अपराधी की तरह बे वजह कार में महादेवघाट, तेलीबांधा, पुरानीबस्ती(Mahadevghat, Telibandha, Purani Basti) सहित शहरभर में घुमाते रहे।
असल में मकान मालिक जमीन को निजी बता कर हाईकोर्ट की सुनवाई तक कार्रवाई रोकने की मांग कर रहे थे। इसके बाद भी रात को जब दो मकान को तोड़ दिया गया और तीसरे मकान पर कार्रवाई चल रही थी।इस बीच मकान मालिकों ने हाईकोर्ट में अरजेंट हियरिंग (urgent hearing in the High Court.) के लिए याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। साढ़े नौ बजे कोर्ट ने मकान मालिकों को राहत देते हुए 7 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई तक कार्रवाई पर रोक लगा दी। लेकिन इस बीच निगम की टीम अपना काम कर चुकी थी।

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पीड़ित वीणा साहू, अविनाश साहू कहा कि उनकी जमीन लीगल है जिसे लेकर वह 2016 से लगातार केश लड़ रहे है। उनका आरोप है की किसी बड़े नेता के इशारे पर कार्यवाही हो रही है। उनके अवैध कब्जे को बचाने के लिए हमारे मकान को निशाना बनाया जा रहा है और दबाव में कार्यवाही कराई जा रही है। परिवार भगवान की संगमरमर की मूर्तियां बनाने का काम करता है। कार्यवाही के दौरान भगवान की मूर्तियों को कचरे की तरह सड़क पर फेंक दिया गया। घर मे बच्चे, बुजुर्ग, और महिलाएं सभी है। पूरा परिवार भूखे प्यासे रात भर सड़क पर सोने को मजबूर है।
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पीड़ित वीणा साहू, अविनाश साहू कहा कि उनकी जमीन लीगल है जिसे लेकर वह 2016 से लगातार केश लड़ रहे है। उनका आरोप है की किसी बड़े नेता के इशारे पर कार्यवाही हो रही है। उनके अवैध कब्जे को बचाने के लिए हमारे मकान को निशाना बनाया जा रहा है और दबाव में कार्यवाही कराई जा रही है। परिवार भगवान की संगमरमर की मूर्तियां बनाने का काम करता है। कार्यवाही के दौरान भगवान की मूर्तियों को कचरे की तरह सड़क पर फेंक दिया गया। घर मे बच्चे, बुजुर्ग, और महिलाएं सभी है। पूरा परिवार भूखे प्यासे रात भर सड़क पर सोने को मजबूर है।