द रेडिएंट वे हादसा- सीएम के निर्देश के बाद भी नामजद एफआईआर नहीं दर्ज कर पाई पुलिस
एडवेंचर कैंप आयोजित करने वाली कंपनी पहले भी रह चुकी है सुर्खियों में, २४ जनवरी को मैनपाट में युवक की मौत होने के बाद कंपनी का नाम आया था सामने। स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग के नोटिस का दिया जवाब
द रेडिएंट वे हादसा- सीएम के निर्देश के बाद भी नामजद एफआईआर नहीं दर्ज कर पाई पुलिस,द रेडिएंट वे हादसा- सीएम के निर्देश के बाद भी नामजद एफआईआर नहीं दर्ज कर पाई पुलिस,द रेडिएंट वे हादसा- सीएम के निर्देश के बाद भी नामजद एफआईआर नहीं दर्ज कर पाई पुलिस
रायपुर। डूमर तालाब स्थित द रेडिएंट वे स्कूल हादसा हुआ ४८ घंटे से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन पुलिस प्रशासन अब तक हादसे के जिम्मेदारों का नाम तक चिन्हांकित नहीं कर पाया है। सीएम के निर्देश के बावजूद पुलिस प्रशासन प्रबंधन को दोषी मानते हुए जांच करने की बात कह रहा है।
स्कूल की प्राचार्य ने सभी छात्रों को एडवेंचर कैंप में शिरकत करने का निर्देश जारी किया था। यह जानकारी सामने आने के बाद भी प्राचार्य भावना दुबे और एडवेंचर आर्गेनाइज करने वाली कंपनी माउंटन मैन पर किसी भी तरह की कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। दोषी राजनैतिक एप्रोच लगाकर पुलिस की कार्रवाई से बचने की तैयारी खुलेआम कर रहे है।
एडवेंचर कंपनी रह चुकी पहले भी सुर्खियों में
द रेडिएंट वे स्कूल में एडवेंचर कैंप आयोजन करवाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन ने माउंटन मैन एजेंसी को दी थी। एजेंसी संचालक का नाम पुलिसकर्मियों द्वारा राहुल गुप्ता बताया जा रहा है। यह कंपनी पूर्व में भी विवादों में रह चुकी है। जानकारों की माने तो कंपनी ने अपने काम की शुरूआत बैकुंठपुर जिले के अमृतधारा से की थी। अमृतधारा में काम करते हुए पर्यटन के अधिकारियों में संपर्क बढ़ा तो मैनपाठ के टाइगर प्वाइंट में एडवेंचर स्पोटर््स करवाने की जिम्मेदारी २०१९ में कंपनी के संचालक राहुल गुप्ता को मिली। संचालक ने वहां जिप लाइन समेत एक दर्जन से ज्यादा स्पोटर््स का सेटअप डाला और कर्मचारियों के भरोसे छोड़ दिया। २४ जून २०१९ को कंपनी के कर्मचारी लापरवाह रवैया अपनाते हुए सामान को खुला छोड़कर वहां से चले गए। इस दौरान रामानुजनगर निवासी 35 वर्षीय हरी बरगाह पिता सोहर बरगाह अपने आठ दोस्तों के साथ वहां पहुंचा। टाइगर प्वाइंट में जिप लाइन का सेटअप देखकर वो उसमें गया और पैर फिसलने से दूसरी जाली में आ गिरा। सिर फटने से हरी की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद कंपनी ने टाइगर प्वाइंट में एडवेंचर स्पोटर््स आर्गेनाइज करवाना बंद कर दिया। माउंटन मैन कंपनी के संचालक राहुल गुप्ता से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा और ना ही किसी प्रकार कर जवाब दिया। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
घायल छात्रा कर्तिशा त्रिवेदी के पिता डॉ. सोमित्र त्रिवेदी ने स्कूल की प्राचार्य भावना दुबे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। डॉ. त्रिवेदी ने पत्रिका को बताया कि उनकी बेटी को जिप लाइन (रस्सी में एक तरफ से दूसरी तरफ जाना) करवाने से पहले स्कूल की प्राचार्य और शिक्षकों ने किसी भी प्रकार की इजाजत नहीं ली है।
डायरी में स्कूल प्रबंधन ने इवेंट आयोजित करने को लिखकर दिया था और शुल्क संबंधित जानकारी उसमें थे। सभी बच्चों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कहा गया था। स्कूल की प्राचार्य भावना दुबे ने कर्तिशा की मां सोनल पर जिस तरह से आरोप लगाए है, वो पूरी तरह से गलत है। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी हमने दी है। प्राचार्य और स्कूल प्रबंधन के बीच मानवता नहीं है, यह बात उनके बयान सिद्ध करते है। मैं खुश हूं, कि मेरी बेटी में सुधार हो रहा है।
स्कूल प्रबंधन ने दिया नोटिस का जवाब
शिक्षा विभाग के अधिकारी ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी एडवेंचर कैंप और सुरक्षा संबंधित जानकारी पूछी थी। स्कूल प्रबंधन ने जिला शिक्षा अधिकारी के नोटिस का जवाब दिया है। नोटिस में परिजनों की सहमति की बात स्कूल प्रबंधन ने लिखी है। कैंप आर्गेनाइजर की जानकारी भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्कूल प्रबंधन ने साझा की है। अब कैंप आर्गेनाइजर, परिजनों और अन्य पालकों से पूछताछ करके कार्रवाई करने की बात जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी कह रहे है।
छात्रा की हालत में सुधार, मिलने पहुंची प्राचार्य
हादसे के ४८घंटे गुजरने के बाद स्कूल की प्राचार्य भावना दुबे, अपने स्टाफ के साथ गुरुवार की शाम ५.३० बजे घायल हर्षिता को देखने पहुंची। अस्पताल परिसर में किसी तरह का विवाद ना हो इसलिए परिजनों ने उनका विरोध नहीं किया। प्राचार्य ने हादसे में दु:ख व्यक्त किया और मामलें में अपने आप को क्लिन चिट देने की कोशिश की। आधा घंटे अस्पताल में रूककर वो वहां से चली गई। परिजनों और डॉक्टरों ने कर्तिशा की हालत पहले से बेहतर बताई है। कर्तिशा की हालत में लगातार सुधार हो रहा है।
मामलें में स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक संचालक डॉ. आरएस चौहान ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने नोटिस का जवाब दिया है। नोटिस के जवाब को परिजनों और अन्य पालकों से वेरीफाई किया जाएगा और उनका बयान लिया जाएगा। सभी पक्षों की जानकारी आने के बाद आगे की कार्रवाई स्कूल प्रबंधन पर की जाएगी।
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स्कूल को पत्र लिखकर प्राचार्य, प्रबंधन और एडवेंचर कैंप आयोजित करने वालों की जानकारी मांगी है। विवेचना जारी है।
गौतम गावड़े, निरीक्षक, सरस्वती नगर
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