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जिले की सरकारी स्कूलों की शाला समिति का रेकार्ड समग्र शिक्षा कार्यालय से गायब

locationरायपुरPublished: Sep 10, 2022 08:07:25 pm

Submitted by:

Abhinav Murthy

शाला समिति के रेकॉर्ड पर विभागीय अधिकारी आमने-सामने हुए। प्राचार्य और विधायक करते है सदस्यों का अनुमोदन, मॉनीटरिंग के अभाव में जानकारी शिक्षा कार्यालय नहीं पहुंची रही समग्र।

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रायपुर। जिले के शासकीय स्कूलों में शिक्षक समय पर आ रहे हैं या नहीं? शिक्षक छात्रों को किस तरह से शिक्षित कर रहे है? छात्रों को अच्छी शिक्षा मिले, इसलिए क्या करना चाहिए? छात्रों का शारीरिक विकास के लिए क्या-क्या आयोजन करना चाहिए? इन सब सवालों का जवाब देने और शिक्षकों की कार्यप्रणाली की मॉनीटरिंग करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारियों को शाला प्रबंधन समिति का गठन करने का निर्देश दिया था। इस समिति में 18 सदस्यों को रखा जाना था और उनका रेकॉर्ड दुरुस्त करना था। समिति की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भेजनी थी। मॉनीटरिंग के अभाव में शाला विकास समिति की जानकारी समग्र शिक्षा कार्यालय नहीं पहुंची है। समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारी नोडलों से जानकारी पता लगवाने की बात कह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर राजधानी में पदस्थ प्राचायो को कहना है, कि हमने समिति का गठन करके बीईओ को जानकारी दे दी है। आपको बता दे कि मॉनीटरिंग के अभाव में स्कूल शिक्षा विभाग की दर्जनों योजनाएं कागजों में सिमटकर रह गई है। विभागीय अधिकारी सब योजनाओं का संचालन सही तरीके से होने का दावा कर रहे है। लेकिन हकीकत विभागीय अधिकारियों के दावों से कोसों दूर है।
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हर सरकारी स्कूल में करना है समिति का गठन
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार हर सरकारी स्कूल में समिति का गठन करना है। स्कूल प्रायमरी और मीडिल श्रेणी का है, तो यहां पर हर वर्ष समिति के सदस्यों में बदलाव किया जाएगा। स्कूल हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री है, तो यहां पर गठित समिति के सदस्यों को तीन साल के पदस्थ किया जाता है। प्रायमरी और मीडिल स्कूलों में समिति के सदस्यों का चयन प्राचार्य के मनोनयन से और हाईस्कूल व हायर सेकेंड्री स्कूलों की समिति में सदस्यों का चयन जनप्रतिनिधि के माध्यम से किया जाता है।

शहरी इलाके के स्कूलों में समिति का गठन नहीं
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया, कि जिले के ग्रामीण इलाको में संचालित शासकीय स्कूलों में समिति का गठन हुआ है। शहरी इलाके में संचालित शासकीय स्कूलों में इसका पालन होना अभी शेष है। जल्द से जल्द समिति का गठन करके वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देने की बात विभागीय अधिकारी कह रहे है।

सदस्य संख्या इस प्रकार होगी
– नामांकित बच्चों के अभिभावक – 14
– स्थानीय निकाय के सदस्य – 02
– विद्यालय प्रमुख (पदेन सचिव) – 01
– विद्यालय की वरिष्ट शिक्षिका – 01
कुल – 18
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समिति के सदस्यों को होती है ये जिम्मेदारी
1. शाला में उपलब्ध संसाधन, उनकी उपलब्धता, पर्याप्तता और उपयोगिता

2. सीखना-सिखाना और आंकलन

3. विद्यार्थियों की प्रगति, उपलब्धि और विकास

4. शिक्षकों का कार्य-प्रदर्शन और उनका व्यावसायिक उन्नयन

5. शाला नेतृत्व और शाला प्रबंधन

6. समावेश, स्वास्थ्य और सुरक्षा

7. समुदाय की सहभागिता

वर्सन
शाला समिति के सदस्यों की जानकारी का आंकड़ा हमारे पास नहीं है। नोडलों को स्कूलों से जानकारी जुटाने के लिए कहता हूं।

डीएस चौहान, सहायक संचालक
समग्र शिक्षा


हमने समिति का गठन करके बीईओ कार्यालय को जानकारी भेज दी है। समिति का गठन वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार हुआ है।

दीपक कुमार साहू, प्राचार्य
भाठागांव शासकीय स्कूल

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