बस में सवार होने के बाद मनोज ने जेवरों से भरा बैग अपनी सीट पर रख दिया। इसके बाद वह बस से नीचे उतरकर गुटखा खाने और यूरीन करने गया। करीब 10 मिनट बाद वह वापस लौटा, तो उसकी सीट में जेवरों से भरा बैग नहीं था। बैग को अज्ञात व्यक्ति ले गया था। उसमें 11 लाख रुपए से अधिक के जेवर रखे हुए थे। आसपास तलाश करने के बाद उसने इसकी सूचना अपने मालिक को दी। इसके बाद गंज पुलिस को बताया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास चोर की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया।
मुंशी चंद्राकर सोमवार शाम को को रायपुर आ गया था। मंगलवार को दिनभर वह अलग-अलग दुकानों में सोने-चांदी के जेवर खरीदता रहा। इसके बाद शाम को वापस लौटने के लिए होटल से ऑटो लिया और खालसा स्कूल के पास पहुंचा। इसके बाद बस में अपनी सीट पर सामान रखा था। आशंका जताई जा रही है कि सदरबाजार से ही पीडि़त की रेकी की जा रही थी और मौका मिलते ही आरोपी जेवरों से भरा बैग लेकर भाग निकले।