डॉ विवेक ने बताया कि काली मिट्टी हम कन्हार से लाते हैं। आयुर्वेदिक कॉलेज में रियायती दर पर उपलब्ध है। रात में इसे भिगोकर सुबह लाल कपड़ें में लपेट लें और पेट पर रखें। इससे आपकी पाचन शक्ति मजबूत होगी और कब्ज से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाएंगी। अगर आप बीपी के मरीज हैं तो रीढ़ पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजाना 20 मिनट इसका उपयोग आपके लिए संजीवनी की तरह काम करेगा। एक चीज का ध्यान रखें कि कपड़ा लाल रंग का हो। लाल रंग मिट्टी की ठंडक और नमी को बाहर नहीं आने देता है।
ये हैं फायदे
मिट्टी चिकित्सा प्राकृतिक के अंतर्गत आने वाली ऐसी विधि है जिसमें विकारों को दूर करने तथा स्वास्थ्य संवर्धन के लिए मिट्टी का विभिन्न रूपों में प्रयोग किया जाता है। यह शरीर को शीतलता प्रदान करती है तथा शरीर के दूषित पदार्थो को घोलकर एवं अवषोशित कर शरीर से बाहर निकाल देती है। सिर दर्द एवं उच्च रक्तचाप आदि में पेट के साथ-साथ माथें पर भी मिट्टी की पट्टी रखने से लाभ द्विगुण हो जाता है।