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बीमार महिला का छह माह तक इलाज कराया, फिर घर ढूंढकर परिजनों को सौंपा

locationरायपुरPublished: Jul 18, 2020 08:05:04 pm

Submitted by:

Manish Singh

पुलिसिंग के साथ मानव सेवा भी- टाटीबंध चौक में बीमार अवस्था में मिली थी महिला

महिला का एम्स में इलाज कराया गया

महिला भटकते-भटकते रायपुर पहुंच गई थी। रायपुर में भी वह जगह-जगह घूमते रहती थी। इस दौरान उनके एक हाथ की उंगली कट गई और एक पैर में गैंगरीन हो गया था।

मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार महिला को सड़क से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराकर साढ़े छह माह उपचार कराया गया। स्वस्थ होने के बाद महिला ने अपना नाम बताया। इस आधार पर पुलिस उसके परिजनों तक पहुंची और महिला को उनके परिजनों के हवाले किया। पुलिसिंग के साथ मानव सेवा का यह उदाहरण आमानाका पुलिस का है। थाना प्रभारी भरत लाल बरेठ और उनके स्टाफ ने टाटीबंध चौक में दर्द से कराहती महिला का बेहतर इलाज कराया और उनके परिवार वालों को भी ढूंढ निकाला। शुक्रवार को पुलिस ने महिला को उनके परिजनों को सौंपा। इस दौरान अपने बिछड़े परिवार को पाकर महिला की खुशी का ठिकाना न रहा।
24 जनवरी 2020 को टाटीबंध चौक के किनारे एक महिला दर्द से कराहती पड़ी थी। उनके एक पैर में बड़ा घाव था। कपड़े अस्त-व्यस्त थे। मानसिक रूप से कमजोर भी। कुछ बोल नहीं पा रही थी। चौराहे से गुजरने वाले कई लोग महिला को अनदेखा करके निकल रहे थे। इसी दौरान टीआई बरेठ अपने स्टाफ के साथ पेट्रोलिंग में जा रहे थे। उनकी नजर महिला पर पड़ी। उन्होंने महिला को एम्स में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने महिला के पैर का घाव-गैंगरीन का इलाज किया। इसके बाद उन्हें मनोरोग में भर्ती किया गया। वहां भी उनका मनोरोग विशेषज्ञों ने उनका इलाज किया। महिला का 6 माह से अधिक तक इलाज चलता रहा। इस दौरान महिला इस बीच टीआई बरेठ और उनके स्टाफ ने महिला के रिश्तेदारों को ढूंढ निकाला और 17 जुलाई को पूरी तरह से स्वस्थ होने पर महिला को उनके परिजनों के हवाले किया गया और अस्पताल से छुट्टी दी गई।
इलाज के बाद बताया अपना नाम
मनोरोग का शिकार होने के बाद महिला कुछ बोलती नहीं थी। इससे पुलिस को उनके रिश्तेदारों को ढूंढना मुश्किल हो गया था। महिला का नाम क्या और कहां की रहने वाली है। इसकी जानकारी के बिना महिला का पता लगाना संभव नहीं था। लेकिन जनवरी से जुलाई तक लगातार इलाज होने के कारण उनकी स्थिति में सुधार हुआ और वह बातचीत करने लगी। पिछले सप्ताह महिला ने अपना नाम प्रभा यादव बताया। फिर पति का नाम भीखम यादव अपने गांव घोटरानी के बारे में जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने उनके पति भीखम और गांव की तलाश शुरू की। पुलिस भीखम की तलाश करते हुए बेमेतरा जिले के साजा इलाके में उसके गांव पहुंची और उन्हें उनकी पत्नी के बारे में जानकारी दी। इसके बाद भीखम अस्पताल पहुंचे और अपनी पत्नी को स्वस्थ और सकुशल पाकर खुश हो गए। शुक्रवार को पुलिस ने डॉक्टरों की मौजूदगी में महिला को उनके पति के हवाले किया। इस दौरान डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने महिला को नई साड़ी गिफ्ट के रूप में दिया।
घर वालों ने छोड़ दिया था
मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण परिवार वालों ने महिला को छोड़ दिया था। इसके चलते महिला भटकते-भटकते रायपुर पहुंच गई थी। रायपुर में भी वह जगह-जगह घूमते रहती थी। इस दौरान उनके एक हाथ की उंगली कट गई और एक पैर में गैंगरीन हो गया था।
नाम बताने के बाद ही ढूंढ पाए उनके परिजन
टीआई बरेठ ने बताया कि मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण महिला को छोड़ दिया गया था। महिला का एम्स में इलाज कराया गया। इससे सुधार हुआ। महिला अपना और रिश्तेदारों का नाम बता सकी। इसके बाद ही उनके परिजनों तक पहुंच पाए। फिलहाल महिला को उनके पति को सौंप दिया गया है।

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