कृषि विभाग ने किसानों की मदद से टिड्डियों को परंपरागत तरीका थाली और ढोलक बजाने के साथ ही शोर-शराबा करके भगाने की तैयारी की है। टिड्डी दल की वर्तमान में अमरावती, महाराष्ट्र एवं मंडला, मध्यप्रदेश में आमद दर्ज हो गई है। टिड्डी दल के संभावित हमले को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
किसानों को फसलों को टिड्डी दल के हमले से बचाने का उपाय भी बताए जा रहे है। बचाने के लिए कृषि वैज्ञानिक सलाह दे रहे हैं। राजनांदगांव जिले में टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव के लिए कलेक्टर ने जिला स्तरीय दल का गठन किया है। कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि टिड्डी दल नियंत्रण के लिए किसान दो प्रकार के साधन अपना सकते है। इसमें भौतिक साधन द्वारा किसान टोली बनाकर विभिन्न प्रकार के परम्परागत उपाय शोर मचाकर, ध्यनि वाले यंत्रों को बजाकर, डराकर भगाया जा सकता है। इसके लिए ढोलक, ट्रैक्टर, मोटर साइकिल के साइलेंसर, खाली टीन डब्बे, थाली इत्यादि से ध्वनि की जा सकती है।
स्प्रेयर से भी भगाने की कोशिश
टिड्डी दल के उपचार के लिए जिले के ट्रेक्टर स्प्रेयर धारक किसानों से चर्चा कर 20 ट्रेक्टर स्प्रेयर की व्यवस्था की जा रही है। इसके अतिरिक्त सभी छोटे स्प्रेयर वाले किसानों को फसलों के बचाव करने के लिए सभी किसानों को तैयार रहने की जानकारी दी गई है। राजनांदगांव जिले में टिड्डी दल के प्रवेश की सम्भावित चेतावनी के अनुसार पेस्टीसाइड एवं स्प्रेयर की व्यवस्था को लेकर जिले में समन्वय स्थापित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।