तहसील कार्यालय में फरियादियों के लिए न पंखा है न पानी
छत्तीसगढ़ गरियाबंद जिला का प्रमुख शहर राजिम के तहसील कार्यालय में पहुंचने वाले फरियादियों को गर्मी से बेहाल होने पड़ रहा है। वहीं उन्हें पीने के पानी की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। लोग तपती धूप में आकर पेड़ के छांव के नीचे कुछ समझ सुस्ताने के बाद जैसे ही दफ्तर में प्रवेश करते हैं वहां न तों उन्हें हवा नसीब हो रही और न ही पीने का पानी।
रायपुर
Published: April 30, 2022 07:17:18 pm
राजिम. छत्तीसगढ़ गरियाबंद जिला का प्रमुख शहर राजिम के तहसील कार्यालय में पहुंचने वाले फरियादियों को गर्मी से बेहाल होने पड़ रहा है। वहीं उन्हें पीने के पानी की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। लोग तपती धूप में आकर पेड़ के छांव के नीचे कुछ समझ सुस्ताने के बाद जैसे ही दफ्तर में प्रवेश करते हैं वहां न तों उन्हें हवा नसीब हो रही और न ही पीने का पानी। हालांकि तहसील दफ्तर में बैठने के लिए कुर्सियों जरूर लगी हुई है। ऊपर छत पर मात्र एक पंखा है जो बंद पड़ा हुआ है।
जबकि इस परिसर में अलग-अलग जगह करके चार से पांच पंखे लगाए जा सकते हैं और फरियादियों के लिए पंखे के अलावा कूलर की भी व्यवस्था की जा सकती है। ताकि यहां आकर वह रिलैक्स महसूस करें। परंतु ऐसा कुछ नहीं है और तो और ठंडे पानी की भी कहीं व्यवस्था नहीं देखी गई। लोगों को पानी के लिए इधर उधर होटलों या फिर अन्य जगह जाना पड़ता है।
कुछ साल पहले यहां बोरिंग की भी व्यवस्था थी, लेकिन उसे बंद कर दिया गया। ठंडे जल एवं पंखे की व्यवस्था नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। परंतु इस बात को तहसीलदार साहब के पास पहुंचाए तो पहुंचाए कौन। नतीजा लोगों को ही परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
सरकारी दफ्तरों में ठंडे पानी एवं आम जनता के लिए पंखे की व्यवस्था नितांत आवश्यकता है, परंतु दोनों नहीं होने से जनता कभी अपने साथ में पकड़े गमछा से ही हवा झेलने का काम करते हैं तो कोई पेड़ के छांव के नीचे बैठकर धूप से बचने का प्रयास करते हैं। कुछ भी हो इस बार की गर्मी ने हाल बेहाल करके रख दिया है। चिपचिपी पसीने एवं घमोरिया आम हो गई है। इस पर डॉ लगातार सावधानी बरतने की नसीहत जरूर दे रहे हैं।
दोपहर होते ही सड़कें हो जाती हैं सूनी
उल्लेखनीय है कि शहर में गर्मी का पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। सुबह से ही गर्मी का एहसास होना शुरू हो जाता है देखते ही देखते 12 बजे तक तो सड़क से ही सीधे सर पर लू पड़ती है। दोपहर 1 बजे के बाद सड़के सूनी हो जा रही है। वैसे अभी शादी सीजन चल रहा है। इस लिहाज से सामान खरीदने के लिए लोगों की रेलम पेल भी है, लेकिन दोपहर होते तक दुकानों से भी ग्राहक नदारद हो जाते हैं।

तहसील कार्यालय के बरामदे में लगा एक मात्र पंखा कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है।
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