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ये हैं असली हीरो, हर दिन एक घंटा करते हैं ऐसा काम

locationरायपुरPublished: Oct 06, 2019 01:00:17 am

Submitted by:

lalit sahu

ये हैं स्वच्छता दूत, सडक़ों पर बिखरे पड़े पॉलीथिन को बिनने से होती है दिन की शुरुआत

ये हैं असली हीरो, हर दिन एक घंटा करते हैं ऐसा काम

प्रकृति का संरक्षण व पॉलीथिन मुक्त भिलाई बनाने जुटे हेमंत और उनकी टीम।

भिलाई। ये हैं वार्ड-९ कोहका आर्य नगर में रहने वाला हेमंत कुमार चंदेल। संकल्प है प्रकृति का संरक्षण और पॉलीथिन मुक्त भिलाई बनाने का। इनकी दिनचर्या की शुरुआत होती है सडक़ों पर बिखरे पॉलीथिन को एकत्र करने से। हेमंत अन्य सहयोगियों के साथ हर दिन एक घंटा श्रमदान कर सडक़ किनारे बिखरे प्लास्टिक को बोरियों में एकत्र कर उसे नगर निगम को सौंप देते हैं ताकि रिसाइकल कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके।
हेमंत बताते हैं कि उन्हें यह प्रेरणा महात्मा गांधी से मिली। २८ सितंबर को शासकीय कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग में स्वच्छ भारत मिशन को लेकर महात्मा गांधी के स्वच्छता और दिनचर्या पर बनी लघु फिल्म दिखाया गया जिसमें महात्मा गांधी ने प्रकृति के संरक्षण और स्वास्थ्य को बड़ा महत्व दिया है। फिल्म में गंदगी की वजह से मनुष्य के साथ जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य पडऩे वाले विपरीत प्रभाव को दिखाया गया। उसी दिन से यह ठान लिया कि वह सुबह एक घंटा पहले उठेगा और अपने मोहल्ले के आसपास बिखरे पड़े पॉलीथिन, प्लास्टिक को एकत्र करेगा।
हेमंत से छात्र हुए प्रेरित : हेमंत के कार्य को देखकर उनके पास ट्यूशन पढऩे वाले छात्र उर्वेश कुमार, रविंदर, पोषण, श्याम सुंदर, विनय, उद्धव, पुष्पेन्द्र और छात्रा कॉजल व लोकेश्वरी प्रेरित हुईं। सभी सुबह पांच बजे उठते हैं। एक घंटा अपने मोहल्ले की सफाई करते हैं। फिर ६.३० बजे सभी आर्य नगर कोहका में एकत्र होते हैं जहां हेमंत उन्हें गणित पढ़ाते हैं। सभी छात्र-छात्राएं श्रद्धासुमन स्कूल कोहका में पढ़ते हैं। सुपेला, रामनगर, बजरंगपारा, शिक्षक नगर क्षेत्र के रहने वाले हैं।
सबका एक ही ध्येय गली-मोहल्ला हो साफ : इस कार्य के पीछे सभी का एकमात्र उद्देश्य है कि लोग अपने आसपास की सफाई करें। प्रतिबंधित पॉलीथिन और प्लास्टिक का उपयोग न करें।
& छात्र-छात्राओं का कार्य सराहनीय है। मुलाकात करने के लिए युवकों को बुलवाया था। आधा घंटा उनसे चर्चा की। हम उन्हें स्वयंसेवक बनाएंगे। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रमोट भी करेंगे। अब हमारी जिम्मेदारी उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े यह है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी छात्र-छात्राओं को ग्लब्स, मास्क, एप्रॉन सहित अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
ऋतुराज रघुवंशी, आयुक्त निगम
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