मूलत: बिहार के जमुई निवासी धीरज साव की बातचीत पाकिस्तान के आतंकी मो. खालिद से होती थी। उन्हें अलग-अलग शहरों में इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) और सिमी नेटवर्क बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। धीरज के एक दर्जन के अधिक राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों में 57 बैंक खाते पाए गए। धीरज की गिरफ्तारी 2013-14 में हुई थी, जिसके बाद एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) के सामने उसने यह बात कबूल की थी।
किराए के घर में रहता था धीरज पुलिस के मुताबिक आज से 6-7 साल पहले धीरज राजधानी के खमतराई इलाके में वालिया कॉम्पलेक्स के करीब ट्रांसपोर्ट नगर में किराए के मकान में रहता था। उनका पूरा परिवार बिहार में है। धीरज 4-5 दोस्तों के साथ किराए के मकान में रहता था। अब यह मकान खाली हो चुका है। यही चिकन ठेला लगाने के दौरान उसका संपर्क आतंकवादियों के एजेंटों से हुई।