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SC से दर्जा मिलने के तीन साल बाद भी छत्तीसगढ़ में नहीं सुधरी थर्ड जेंडर्स की हालत

locationरायपुरPublished: Dec 04, 2017 05:37:05 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

तीन साल पूर्व वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट से थर्ड जेंडर का दर्जा मिलने के बाद भी छत्तीसगढ़ में इनकी हालत सुधर नहीं पाई है।

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आकाश शुक्ला/रायपुर. तीन साल पूर्व वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट से थर्ड जेंडर का दर्जा मिलने के बाद भी छत्तीसगढ़ में इनकी हालत सुधर नहीं पाई है। हालात यह है कि पिछले तीन साल में आईडी प्रूफ के अलावा थर्ड जेंडर्स के लिए बनने वाले किसी भी योजना को जमीनी स्तर पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। इसका ताजा उदाहरण थर्ड जेंडर्स की बेहतरी के लिए शुरू किए जाने वाले टोल फ्री नंबर को लेकर सामने आया है।

समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत बने प्रदेश स्तरीय थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड की बैठक में टोल फ्री नंबर को तो हरी झंडी मिल गई, लेकिन बजट का हवाला देकर अब तक नंबर चालू नहीं किया गया। जिसके चलते चाहकर भी थर्ड जेंडर अपनी समस्याओं से सीधे तौर पर सरकार को अवगत नहीं करा पा रहे हैं।

मंत्री की अध्यक्षता में हुई थी बैठक
छत्तीसगढ़ में बने प्रदेश स्तरीय थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य कंचन सेंडरे ने बताया कि विगत तीन माह पूर्व महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री रमशीला साहू की अध्यक्षता में प्रदेश स्तरीय बैठक हुई। निर्णय के फलस्वरूप थर्डजेंडर्स के लिए हर जिले में तुरंत टोल फ्री-नंबर जारी करने कलक्टर्स को पत्र लिखकर निर्देश किया गया। लेकिन अब यह योजना ठंडे बस्ते में है।

इसलिए जारी किया गया टोल फ्री नंबर
जेंडर डिसऑर्डर और समाज की मुख्य धारा से कटे हुए थर्ड जेंडर समुदाय के व्यक्तिगत, सामाजिक और प्रशासनिक दिक्कतों को दूर करने के लिए बैठक में टोल फ्री नंबर का प्रस्ताव लाया गया था। इसके अलावा ऐसे युवा जो खुद की पहचान को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं है, उनकी काउंसलिंग भी इस नंबर के जरिए मुहैया कराई जानी थी। छत्तीसगढ़ में फिलहाल लगभग 5 हजार से अधिक थर्ड जेंडर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं 20 हजार से ज्यादा थर्ड जेंडर्स के लोक लिहाज और सामाजिक भेदभाव के कारण अब तक सामने नहीं आए हैं। ऐसे में टोल फ्री नंबर उनके लिए सबसे बड़ा मददगार साबित हो सकता है।

ये मुद्दे भी ठंडे बस्ते में
कंचन ने बताया कि टोल-फ्री नंबर के अलावा बैठक में किन्नर समुदाय के लिए सरकारी दस्तावेजों में थर्ड जेंडर के लिए अलग कॉलम, सामुदायिक भवन, कार्यालय, जिला अस्पताल में कम्युनिटी ओपीडी सेंटर खोलने, राशन कार्ड में नाम जोडऩा, श्रम कार्ड जारी करने, थर्ड जेंडर के संरक्षण के लिए कार्य योजना बनाने आदि मुद्दों को भी तत्काल प्रभाव से लागू करना था, लेकिन यह बैठक तक ही सीमित है।

समाज कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेश तिवारी ने कहा कि प्रदेश स्तरीय थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड की बैठक हुई थी। जिसमें टोल फ्री नंबर के साथ उनकी अन्य समस्याओं को देखते हुए निर्णय हुए। थर्ड जेंडर्स के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने की दिशा में समाज कल्याण विभाग कार्य कर रहा है। आने वाले 14 दिसंबर को पूरे प्रदेश में नंबर जारी कर दिया जाएगा।
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