29 अक्टूबर को भी इस मार्ग पर भुसकी गांव के पास कैंप से 500 मीटर दूर बिजली टावर के पास चार बम फोर्स ने बरामद कर किया था। अब तक इस मार्ग पर सात बम मिले हैं। पुलिस और बीएसएफ का कहना है कि फोर्स की लगातार सर्चिंग से माओवादी बौखलाए हैं।
इसलिए फोर्स को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ अपने वर्चस्व बनाने और चुनाव प्रभावित करने के लिए ऐसा करतूत कर रहे हैं। हालांकि पुलिस बीएसएफ टीम लगातार गश्त सर्चिंग करने का दावा करती है, पर कैंप से दो सौ और पांच सौ मीटर दूरी पर बम प्लांट करना फोर्स की नियमित गश्त सर्चिंग पर सवाल खड़ा कर रही है। बीएसफएफ कमांडेंट आरजे हंसदा ने बताया कि फोर्स लगातार इस क्षेत्र सर्चिंग करती है।
पर फोर्स की नजर चुराकर कब बम प्लांट किया था, ये समझ नहीं आ रहा है। नक्सली बम का प्लांट अपने बम एक्सर्प टीम और स्थानीय लोगों के मदद से कर रहे होंगे, फोर्स नक्सलियों ने जहां बम लगा रखा था, वह फोर्स की गुजरने की रास्ता है, इसीलिए सर्चिंग पार्टी को क्षति पहुंचाने के लिए बम लगा रखा था। थाना प्रभारी शिवकुमार खुंटे ने बताया कि सूचना मिला कि नक्सलियों द्वारा कोंडे और गुमड़ीडीह के मध्यबम प्लांट किया है।
बीडीएस टीम बुलाकर जवानों के साथ आसपास क्षेत्र की गहनता से सर्चिंग किया गया। बीडीएस टीम को छोटा-सा तार उभरा हुआ दिखाई दिया, जिसकी छानबीन करने पर पेड़ के उपर एंटीना दिखाई दिया। आसपास एक ही कनेक्शन से जुड़े तीन कुकर बम मिले, यह रेडियो कंट्रोल आईईडी है। जिसे नक्सली रिमोट के माध्यम से विस्फोट करते हैं, इसलिए रिमोट से विस्फोट करने के लिए पेड़ पर एंटीन लगाया था।
एक बम 5 किलो और दो बम 3-3 किलो के थे। यह बम शक्तिशाली थे, फोर्स के हाथ लगने से पहले फटने पर फोर्स को बड़ी क्षति हो सकती थी, नक्सली अमन शांति के विरोधी हैं, वे घटनाओं को अंजाम देकर दहशत फैलाकर अपना वर्चस्व बनाना चाहते हैं। इस कार्रवाई के दौरान बीएफएफ के टूआईसी, एसआई डेमन भू-आर्य सहित बीएसएफ के जवान उपस्थित थे।