कोरोना और सामान्य फ्लू का अंतर
इस मौसम में प्रारंभिक लक्षणों के आधार पर यह पता लगा पाना बहुत मुश्किल है कि खांसी-जुकाम, गले में दर्द और बुखार की वजह सामान्य सीजनल फीवर है या कोरोना संक्रमण। इस स्थिति में सही जानकारी केवल कोविड-19 का टेस्ट कराकर ही प्राप्त की जा सकती है।
कोरोना पर कारगर नहीं ये ऐंटिबायॉटिक्स
अगर इन तीन दिन में भी आपको आराम नहीं होता है तो आपको बिना देर किए अपना कोविड-19 का टेस्ट करा लेना चाहिए। क्योंकि यह एक ऐसा फ्लू है, जिसमें कुछ ऐंटिबायॉटिक्स का लंबे समय तक उपयोग करने पर बीमारी अधिक बढ़ सकती है।
फ्लू मापने का सही समय
आपको ध्यान होगा कि जब कोरोना वायरस भारत में नहीं आया था लेकिन दुनिया के कई देशों में इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा था, उस स्थिति में जो लोग उन देशों से भारत में हवाई यात्रा के जरिए आ रहे थे, वे एयरपोर्ट पर कोविड-19 के परीक्षण में रिपोर्ट पॉजिटिव आने से बचने के लिए कुछ घंटे पहले शरीर का तापमान कम रखने वाली कुछ ऐंटिबायॉटिक्स का सेवन कर लेते थे।
ऐंटिबायॉटिक और ऐंटिवायरल ड्रग्स से इलाज
इस स्थिति में अगर आप घर पर रहकर ही अपने फ्लू का इलाज कर रहे हों तो इस बात का ध्यान रखें कि ऐंटिबायॉटिक और ऐंटिवायरल ड्रग्स जैसे कि पैरासिटामोल, आइबुप्रोफ़ेन, एस्पिरिन आदि ले रहे हैं तो इन दवाओं के सेवन के 6 घंटे बाद ही शरीर का तापमान नोट करें। ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि इन दवाओं को लेने से आपका फीवर ठीक हो गया है।
ये स्थितियां भी हैं प्रभावी
गर्म भोजन करने, गर्म पेय पदार्थ का सेवन करने, डांस या एक्ससाइज जैसी किसी भी गतिविधि को करने के तुरंत बाद कभी भी अपने शरीर का तापमान बुखार जांचने के उद्देश्य से नहीं नोट करना चाहिए। क्योंकि इन ऐक्टिविटीज को करने के बाद शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है। ऐसे में थर्मामीटर सामान्य से अधिक तापमान ही दिखाता है।