राज्य सरकार की नरवा गरूवा घुरुवा अउ बारी योजना के तहत कई तरह के विकास कार्य किए जाने हैं। इसके लिए अलग-अलग विभागों को कार्य के मुताबिक जिम्मेदारी भी दी गई है। इसी योजना में पशुओं की नस्ल सुधार का कार्यक्रम भी शामिल किया गया है। इसकी जिम्मेदारी पशुधन विकास विभाग और कृषि विभाग की जिम्मेदारी में दिया गया है। इसके तहत जहां सभी मवेशियों को गांव के बाहर गोठान में रखा जाएगा तो वहां पर चारा के लिए चारागाह और पीने के पानी की भी व्यवस्था होगी। गौठान में रहने वाले गरुवा की नस्ल सुधारने के लिए बाहर से अच्छी किस्म के सांड मंगाए गए हैं। इन सांडों की ब्रीडिंग के बाद आने वाली नस्ल में सुधार का आंकलन होगा। इसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। यह प्रक्रिया पल्स पोलियो अभियान की तरह तब तक निरंतर जारी रहेगी, जब तक की छत्तीसगढ़ के गाय और बछड़ा की नस्ल में पूरी तरह से सुधार न हो जाए।
पशुधन विकास विभाग करेगा मॉनीटरिंग मवेशियों की नस्ल में सुधार लाने के लिए ब्रीडिंग व अन्य कार्यों की जिम्मेदारी पशुधन विकास विभाग को दी गई है। यह कार्य पशुधन विकास विभाग कृषि विभाग की मदद से करेगा।
वर्जन @ छत्तीसगढ़ के गाय बैल की नस्ल में सुधार के लिए बाहर सांड मंगाए गए हैं। इनसे ब्रीडिंग कराकर नई व अच्छी नस्ल के मवेशियों को बढ़ाया जाएगा। -केडीपी राव, अपर मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन