योजना के अंतर्गत 4025011 लोगों के उ’च रक्तचाप, 299011 लोगों की मधुमेह, 84201 लोगों की रक्त-अल्पता (एनिमिया) और 23584 लोगों के नेत्र विकारों की जांच की गई है। हाट-बाजार क्लिनिकों में 3619 लोगों की टीबी (क्षय रोग), 2869 लोगों की कुष्ठ और 3016 लोगों की एचआईवी जांच भी की गई है। इस दौरान 21176 गर्भवती महिलाओं की जांच और 3720 शिशुओं को टीके लगाए गए हैं। हाट-बाजार क्लिनिकों में 16357 डायरिया पीडि़तों का इलाज किया गया है।
मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना 10 फरवरी-2020 तक प्रदेश के 1851 हाट-बाजारों में शुरू की जा चुकी है। इन क्लिनिकों के माध्यम से अब तक धमतरी जिले में 414908, बालोद में 100984, राजनांदगांव में 78 579, गरियाबंद में 38894, बिलासपुर में &6841, दंतेवाड़ा में 20753, जशपुर में 27795, कांकेर में 23597, महासमुंद में 22818, रायगढ़ में 22571, बलरामपुर-रामानुजगंज में 20559, कोरिया में 20412, दुर्ग में 19&11 और कोंडागांव में 17658 लोगों का इलाज किया गया है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से कबीरधाम जिले में 17577, सरगुजा में 15768, बीजापुर में 15105, सूरजपुर में 14589, बस्तर में 12706, कोरबा में 12554, सुकमा में 11522, बेमेतरा में 10069, रायपुर में 5697, मुंगेली में 4415, जांजगीर-चांपा में 4266, बलौदाबाजार-भाटापारा में 2814 तथा नारायणपुर जिले में 916 लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है।