विद्यार्थियों का कहना है कि पुरानी ड्रेस तंग होने की वजह से पहनने में तकलीफ होती है। बिना ड्रेस के स्कूल जाओ तो शिक्षक डांटते हैं। स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों को ड्रेस कब तक मिलेगा? इस सवाल पर प्राचार्य और ब्लाक स्तर के अधिकारियों ने मौन साध रखा है। मामलें में रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों को ड्रेस वितरण ना होने की जानकारी से अवगत करा दिया गया है। हथकरघा विभाग से स्कूल ड्रेस मिलने के बाद छात्रों को वितरित कर दी जाएगी।
आरंग ब्लाक सबसे पीछे
विद्यार्थियों को ड्रेस वितरण करने में आरंग ब्लाक सबसे पीछे है। आरंग ब्लाक में केवल गिनती के छात्रों को ड्रेस वितरित की गई है। रायपुर के आरंग ब्लाक से जिले के 50 प्रतिशत शासकीय और 75 प्रतिशत निजी स्कूल आते है। इन शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस कब तक मिलेगा? इस सवाल का जवाब विभागीय अधिकारियों के पास भी नहीं है।
हथकरघा को एडवांस दिया पैसा
छात्रों को ड्रेस नहीं मिलने का कारण विभागीय अधिकारी हथकरघा विभाग को जिम्मेदार ठहरा है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि विद्यार्थियों को समय पर स्कूल ड्रेस मिल सके, इसलिए एडवांस भुगतान हथकरघा विभाग को किया गया था। एडवांस पैसा देने के बाद भी अब तक ड्रसों की सप्लाई हथकरघा विभाग नहीं दे पाया है। जल्द से जल्द स्कूल ड्रेस की सप्लाई हो सके, इसलिए हथकरघा विभाग के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
स्कूल ड्रेस की सप्लाई ना होने की वजह से वितरण समय पर नहीं कर पा रहे है। ड्रेस वितरण ना होने की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है। ड्रेस आते ही दोबारा वितरण शुरू कर दिया जाएगा।
– अशोक नारायण बंजारा, जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर।