माओवादियों ने मोहन को मार डाला, शहीद का दर्जा देनेे की मांग को लेकर जुटे हजारों ग्रामीण
पोटाली केम्प में रहने वाले मोहन भास्कर की हत्या माओवादियों ने एक फरवरी को कर दी थी।

नकुलनार ञ्चपत्रिका. माओवादियों के हाथों मारे गए युवक मोहन भास्कर को न्याय दिलाने के लिए ग्रामीण लामबंद हुए हैं। सोमवार को पोटाली और आसपास के गांवों से एकत्र हुए ग्रामीणों ने पुलिस के रवैये पर ऐतराज जताते हुए विरोध जताया और मृतक मोहन को शहीद का दर्जा देने की मांग की।
ज्ञात हो कि पोटाली केम्प में रहने वाले मोहन भास्कर की हत्या माओवादियों ने एक फरवरी को कर दी थी। उस वक्त यह गोपनीय सैनिक के रूप में पुलिस के लिए काम कर रहा था लेकिन पुलिस उसकी मौत के बाद उसे अपना सैनिक मानने से इनकार कर दिया। धरना देने पहुंचे ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि मोहन भास्कर पुलिस व डीआरजी के साथ मिलकर पोटाली क्षेत्र में लगातार फोर्स की वर्दी पहने और हथियार लेकर गश्त पर जाता था, तो इसे पुलिस अपना सिपाही मानने से क्यों इनकार कर रही है। माओवादियों के हाथों मारे जाने के बाद उसे शहीद का दर्जा क्यों नही मिल रहा है। ग्रामीणों ने पोटाली और गुमियापाल में नए पुलिस कैम्प खोलने और कथित फर्जी गिरफ्तारियों पर भी सवाल उठाए।
ग्रामीणों ने रैली निकालकर सौंपा ज्ञापन पोटाली क्षेत्र के ग्रामीणों ने चार सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को निलावाया चौक से अरनपुर तक रैली का आयोजन किय। रैली में आसपास के हज़ारो की संख्या में ग्रामीण जुटे और पुलिस और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। इसका आयोजन सरपंच संघ के बैनर तले किया गया। इसके लिए ग्रामीणों ने बचेली एसडीएम से अनुमति भी ली थी। ग्रामीणों ने पोटाली कैम्प को बंद करने की मांग भी शामिल है इसके अलावा गुमियापाल में नवीन कैम्प खोलने का विरोध, पुलिस द्वारा फर्जी गिरफ्तारी व मोहन भास्कर को गोपनीय सैनिक न बताये जाने का विरोध करना शामिल है।
अब पाइए अपने शहर ( Raipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज