बाघों की संख्या में इजाफे के संकेत
वन विभाग के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कोरोनाकाल में जंगलों को पर्यटकों के लिए बंद करने और अनूकुल स्थिति को देखते हुए सभी वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ी है। इसके चलते शाकाहारी वन्य प्राणी जंगलों के बाहर निकलकर रिहायशी इलाकों की ओर रूख करने लगे थे। इसे देखते हुए बाघों की संख्या भी 19 से बढ़कर 30 तक होने की संभावना है। बता दें कि भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून 4 वर्ष में एक बार बाघ आकलन कराता है।
चार चरणों में ऐसे होगी गिनती
पहला : कर्मचारी जंगल में तय ट्रांजिट लाइन पर चलकर बाघ के पगमार्क, मल, पेड़ों पर खरोंच और घास में बैठने या लेटने के निशान देखकर क्षेत्र में उसकी उपस्थिति दर्ज करेंगे।
दूसरा : वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक उस क्षेत्र का सेटेलाइट से लिए गए डाटा का अध्ययन करेंगे।
तीसरा : ट्रैप कैमरे से बाघों के फोटो लिए जाएंगे जिनका बाद में वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक आपस में मिलान करेंगे।
चौथा : टाइगर रिजर्व के अंदर विचरण करने वाले बाघों की गिनती होगी।
बाघों की गणना का कार्य जल्दी ही शुरू किया जाएगा। इसके लिए मास्टर ट्रेनर और फिल्ड में तैनात अमले को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
– पीवी नरसिंह राव, पीसीसीएफ वाइल्ड