scriptलोन लेने से पहले पढ़ें ये खबर! भरोसा जीतने आधार, पैन कार्ड और स्टाम्प पेपर भी ऑनलाइन भेज रहे ठग | Thugs are also sending trust winning Aadhaar, PAN card and stamp | Patrika News

लोन लेने से पहले पढ़ें ये खबर! भरोसा जीतने आधार, पैन कार्ड और स्टाम्प पेपर भी ऑनलाइन भेज रहे ठग

locationरायपुरPublished: May 23, 2020 01:35:23 am

Submitted by:

Dhal Singh

ठगी करने वालों के जाल में कई पढ़े-लिखे और समझदार लोग भी फंस रहे हैं। फंसना भी लाजिमी है। लोगों का भरोसा जीतने के लिए ठग तरह-तरह के फंडे अपनाते हैं। यहां तक आधार कार्ड, पैन कार्ड और स्टाम्प पेपर भी बनवाकर भेजते हैं, जिससे लोगों को उनकी बातों पर विश्वास हो जाता है और वे आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक ऑटोमोबाइल कारोबारी के साथ भी एेसा ही हुआ और वो डेढ़ लाख रुपए से अधिक की ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए।

लोन लेने से पहले पढ़ें ये खबर! भरोसा जीतने आधार, पैन कार्ड और स्टाम्प पेपर भी ऑनलाइन भेज रहे ठग

ऐसे दस्तावेज भेज कर रहे हैं ऑन लाइन ठगी

रायपुर. पुलिस के मुताबिक मठपारा कैलाशनगर बीरगांव निवासी पीयूष देवांगन का ऑटोमोबाइल का कारोबार है। उन्हें कुछ पैसों की जरूरत पड़ी। उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में सुना था। इस कारण वेबसाइट में उन्होंने मुद्रा योजना के तहत 5 लाख रुपए का लोन लेने की प्लानिंग की। इस दौरान उन्होंने कई वेबसाइटों को खंगाला। कुछ वेबसाइटों में अपना मोबाइल नंबर भी दे दिया। इसके बाद 7 मई को सोनू कुमार नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और मुद्रा योजना के तहत उन्हें 5 लाख रुपए लोन दिलाने का आश्वासन दिया। सोनू कुमार खुद को चंडीगढ़ का रहने वाला बताते हुए उसने कारोबारी पीयूष को भरोसे में लेने के लिए अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड के अलावा कंपनी का आईडी कार्ड भी वाट्सएेप के जरिए भेजा। इससे कारोबारी का भरोसा हुआ और लोन के लिए स्वीकृति दी।
इसके बाद सोनू ने कारोबारी को लोन पास होने का कॉन्फरमेशन लेटर, एग्रीमेंट आदि भेजा। यह सब देखकर कारोबारी को यकीन हो गया। इसके बाद सोनू ने लोन प्रोसेस चार्ज के रूप में 2500 रुपए की मांग की और यह राशि अपने साथी चंद्रवीर के एकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए कहा। पीयूष ने पैसा भेज दिया। इसके बाद आरोपियों ने पीयूष के मोबाइल में एक ऑनलाइन एग्रीमेंट और नोएडा ब्रांच द्वारा उसके नाम से जारी 5 लाख रुपए का डिमांड ड्राफ्ट का फोटो वाट्सएेप किया। इसके बाद आरोपियों ने कारोबारी से 5500 रुपए फिर जमा करने के लिए कहा और आश्वस्त किया कि जैसे वह पैसे जमा करवाएगा, डिमांड ड्राफ्ट उन्हें भेज दिया जाएगा। कारोबाराी ने फिर 5500 रुपए आरोपियों के बताए बैंक खाते में जमा कर दिया। इसके बाद उनके कॉल आने का इंतजार करता रहा, लेकिन कई घंटे बाद भी आरोपियों ने फोन नहीं किया। इसके बाद कारोबारी ने स्वयं फोन किया। फिर आरोपियों ने अगले दिन भेजने का आश्वासन दिया। 8 मई को आरोपियों ने एक एलआईसी के इंश्योरेंस कार्ड की फोटो भेजी और 8500 रुपए जमा करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो भी पैसे लिए जा रहे हैं, वह उन्हें वापस कर दिया जाएगा। कारोबारी ने पैसा जमा कर दिया। इसके बाद गारंटी के रूप में 5 हजार रुपए और जमा करवाए। इस तरह आरोपियों ने आईटी, जीएसटी आदि के नाम पर कारोबारी से अलग-अलग किस्तों में कुल 1 लाख 45 हजार 700 रुपए जमा करवा लिया। इसके बाद फिर 25 हजार रुपए जमा करने कहा। इस पर कारोबारी को संदेह हुआ और उन्होंने पैसे भेजने में असमर्थता जता दी। इसके बाद आरोपियों ने लोन की राशि नहीं भेजी। इसकी शिकायत कारोबारी ने उरला थाने में की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नाम-पता फर्जी होने की आशंका
आरोपियों ने जिस नाम के आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज भेजे हैं, पुलिस को आशंका है कि सब फर्जी है। अक्सर ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर लोगों को झांसे में लेते हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में आरोपी द्वारा भेजा गया पैन कार्ड असली मिला है। बाकी के दस्तावेज फर्जी बनाए गए हैं।
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