पर्यटन मंडल छत्तीसगढ़ ने प्रदेश में इको टूरिज्म विकसित करने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को स्वदेश दर्शन योजना के तहत सौ करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत करने की मांग की थी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट पर अपनी सहमति देते हुए अगले वित्तीय वर्ष में धन देने की बात कही है। राज्य का 44 फीसद भू-भाग चूंकि वन क्षेत्र से आच्छादित है, इसलिए यहां इको टूरिज्म की विशेष संभावनाएं हैं। इको टूरिज्म राज्य में विकसित होने से पर्यावरण के प्रति लोगों का लगाव बढ़ेगा, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर मुहैया होंगे।
क्या है इको टूरिज्म
इको टूरिज्म पर्यटन का एक रूप है, जिसमें प्राचीन और अपेक्षाकृत कम प्राकृतिक क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक क्षेत्रों की यात्रा, पर्यावरण का संरक्षण और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसमें यात्रियों को शिक्षित करना, पारिस्थितिक संरक्षण के लिए धन प्रदान करना, स्थानीय समुदायों के आर्थिक विकास और राजनीतिक सशक्तिकरण को सीधे लाभ पहुंचाने का प्रयास होता है।
प्रसाद योजना से डोंगरगढ़ का होगा सौंदर्यीकरण
छत्तीसगढ़ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना डोंगरगढ़ के कायाकल्प करने तैयारी पर्यटन विभाग कर रहा है। पर्यटन के अधिकारियों की पहल के बाद डोंगरगढ़ में आने वाले पर्यटकों को ठहरने के लिए बेहतर सुविधा और उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। डोंगरगढ़ पर्यटकों को आकर्षित करें इसलिए वहां पर निर्माण कार्य भी किया जाएगा।
पर्यटन विभाग केंद्र सरकार की प्रसाद योजना से डोंगरगढ़ में निर्माण कार्य करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
इनका होगा निर्माण: डोगरगढ़ सौंदर्यीकरण के प्रोजेक्ट में काम कर रहे अधिकारियों के अनुसार निर्माण कार्य में तालाब का सौंदर्यीकरण, पर्यटकों के लिए होटल, मोटल और धर्मशाला का निर्माण, रोप-वे का निर्माण, मंदिर परिसर को सीसीटीवी कैमरों से लैस करना आदि कामों को शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के महाप्रबंधक संजय सिंह ने बताया कि प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय में प्रोजेक्ट बनाकर दिया था। प्रोजेक्टों पर सहमति बन गई है। प्रोजेक्ट में काम शुरू होते ही राशि केंद्र से प्राप्त होगी। प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने की तैयारी में विभाग लगा है। प्रसाद योजना के तहत डोंगरगढ़ का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसके लिए 60 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने बजट रखा है । हरी झंडी मिलने के बाद निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू होगी।