scriptमॉल में बिना आईएसआई मार्का वाले बेच रहे थे खिलौने, कारोबारी पर ये हुई कार्रवाई | Toys without ISI mark were being sold in mall, this action was taken | Patrika News

मॉल में बिना आईएसआई मार्का वाले बेच रहे थे खिलौने, कारोबारी पर ये हुई कार्रवाई

locationरायपुरPublished: Jan 20, 2022 01:49:10 am

Submitted by:

Dhal Singh

बीआईएस की प्रदेश में पहली बार छापेमारी, रायपुर के मैग्नेटो मॉल की 3 दुकानों से खिलौने जब्त

मॉल में बिना आईएसआई मार्का वाले बेच रहे थे खिलौने, कारोबारी पर ये हुई कार्रवाई

मैग्नेटो मॉल की दुकान में कार्रवाई करती बीआईएस की टीम

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में खिलौने में आईएसआई मार्का (बीआईएस का मानक चिन्ह) नहीं होने और इसकी बिक्री करते पाए जाने के बाद भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के क्षेत्रीय कार्यालय ने प्रदेश में पहली बार कार्रवाई की है। बुधवार को राजधानी के मैग्नेटो माल स्थित शो-रूम में बिना आईएसआई मार्का वाले खिलौनों को जब्त किया। शॉपिंग माल के तीन दुकानों में टीम ने दबिश दी और प्रतिबंधित खिलौने जब्त कर लिए हैं। छापेमारी कार्रवाई के लिए बीआईएस ने स्थानीय पुलिस का सहयोग लिया।
बीआईएस के अधिकारियों ने बताया कि खिलौना (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश-2020 के मुताबिक यह कार्रवाई की गई है। बीआईएस के क्षेत्रीय निदेशक वी. गोपीनाथ ने बताया कि इससे पहले राजधानी के सभी खिलौना विक्रेता दुकानदारों को नियमों के बारे में सूचित कर दिया गया था, वहीं बिना आईएसआई मार्का वाले खिलौने की बिक्री नहीं किए जाने के संबंध में जानकारी दी गई थी।
2000 करोड़ से अधिक का चाइना बाजार
व्यापारिक सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में चाइना खिलौने का बाजार 2000 करोड़ से अधिक है। ज्यादातर खिलौने चाइना से ही आयातित हैं, जिसमें इलेक्ट्रिकल आधारित के साथ अन्य खिलौने शामिल हैं। चाइना से मेट्रो शहरों के जरिए फिर प्रदेश के छोटे शहरों में सप्लाई चेन काफी पुरानी है। बीआईएस के अधिकारियों ने बताया कि चाइनीज उत्पादों पर कहीं ना कहीं राजस्व के नुकसान के साथ ही मेक इन इंडिया अभियान पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। देशभर में खिलौनों के बाजार को मेक इन इंडिया से जोडऩे और बेहतर गुणवत्ता के लिए आईएसआई मार्का की अनिवार्यता लागू की गई है।
क्या है नियम
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से एक जनवरी 2021 से 14 वर्ष से कम आयु के ब’चों के खेलने के लिए बनाई गई वस्तुओं यानि खिलौनों पर आईएसआई मार्क अनिवार्य कर दिया गया है, जिसके चलते कोई भी व्यक्ति बिना आईएसआई मार्क के खिलौने ना तो बना सकते हैं और ना ही बेच सकते हैं और ना ही उन्हें संग्रहित कर रख सकते हैं। यदि कोई भी उत्पादक, विक्रेता नियम का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध बीआईएस अधिनियम 2016 के अनु’छेद 17 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सजा का प्रावधान
नियमों के तहत दो साल तक का कारावास अथवा दो लाख का अर्थदंड अथवा दोनों की सजा हो सकती है।
यह है लाइसेंस लेने की प्रक्रिया
अधिकारियों के मुताबिक बीआईएस के आईएसआई मार्क का उपयोग करने के लिए बीआईएस से इसकी पूर्व मंजूरी लेनी जरूरी है । निर्माताओं को भारतीय मानक ब्यूरो से लाइसेंस प्राप्त करना होता है, जिसे बीआईएस केयर एप से सत्यापित किया जा सकता है। बिना वैध बीआईएस लाइसेंस लिए मानक मार्क को उपयोग करना तथा अनिवार्य प्रमाणन में आने वाले उत्पादों को बिना बीआईएस मानक चिह्न के बनाना, स्टोर करना और बिक्री करना अपराध है तथा ऐसे सभी निर्माताओं ए एवं विक्रेताओं और व्यापारियों पर कार्रवाई की जाएगी। वी. गोपीनाथ, क्षेत्रीय निदेशक, बीआईएस ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक लकड़ी या मिट्टी यानि हस्तशिल्प खिलौने को छोड़कर बाकी सभी तरह के खिलौने में बीआईएस का आईएसआई मार्का अनिवार्य कर दिया गया है। राजधानी के शॉपिंग मॉल स्थित 3 शो-रूम में कार्रवाई की गई है। आगे भी जांच जारी रहेगी।
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