बता दें कि 19 फरवरी को महासमुंद जिले के खल्लारी में पुलिस ने वाहनों की जांच के दौरान एक कार से 10 करोड़ 90 लाख 500 रुपए बरामद किए थे। आयकर विभाग और पुलिस ने कार मालिक और रकम मंगवाने वाले कारोबारी की तलाश करने आगरा में छापा मारा था। वे टीम के पहुंचने के पहले ही फरार हो गए थे।
दस्तावेज में उलझे अफसर
कारोबारी द्वारा पेश किए गए दस्तावेज से आयकर विभाग की उलझनें बढ़ गई हैं। कारोबारी ने इसे अपना बताते हुए दावा पेश किया है। लेकिन, रकम भेजने वाले और लाने वाले के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। बता दें रकम के साथ पकड़े गए आरोपी और कार का मालिक आगरा (उत्तरप्रदेश) के रहने वाले हैं।
पूछताछ में उन्होंने आगरा के सराफा कारोबारी अवधेश अग्रवाल की रकम बताई थी। उन्हें कटक (ओडिशा) से लौटते समय किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा रकम दिया जाना बताया था। लेकिन, अचानक गुजरात के कारोबारी के सामने आने से पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है।