चालान से ज्यादा असरदार ट्रैफिक सियान, अनोखे प्रयोग से लोगों को दे रहे सीख
सड़क पर चालकों को सिखा रहे हेलमेट और सीट बेल्ट बांधना

रायपुर। शहर में घूमने वाले अधिकांश वाहन चालकों को ट्रैफिक पुलिस के चालान का डर लगता था, लेकिन अब ट्रैफिक सियान के गोठ से डरने लगे हैं। प्रमुख चौराहों पर तैनात लाठी लिए ट्रैफिक सियान का ठेठ छत्तीसगढ़ी भाषा में हंसी-ठिठोली करते हुए वाहन चालकों को हेलमेट पहनने और सीटबेल्ट बांधने को कहते हैं। उनके बोलने का अंदाज ऐसा होता है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाला शर्मिंदा हो जाता है। चौराहे में अन्य लोग भी खड़े होते हैं। उनके बीच ट्रैफिक सियान संबंधित व्यक्ति को संबोधित करते हुए हेलमेट पहनने या सीटबेल्ट बांधने को कहते हैं। इससे वह व्यक्ति दोबारा बिना हेलमेट के वाहन चलाने से कतराने लगता है। यही वजह है कि प्रमुख चौक-चौराहों में हेलमेट पहनकर वाहन चलाने वालों की संख्या बढ़ गई है।
जागरूकता और कार्रवाई दोनों साथ
रायपुर पुलिस जागरूकता और कार्रवाई दोनों पर काम कर रही है। ट्रैफिक सियान की बातें सुनकर अधिकांश लोग हेलमेट पहनकर वाहन चलाने लगे हैं। इसी तरह कार वाले भी सीटबेल्ट लगाने लगे हैं। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक 90 फीसदी दोपहिया चालक हेलमेट पहनने लगे हैं। इसका असर दिखने लगा है। दूसरी ओर ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई भी लगातार चल रही है, जिससे चालान भी कट रहे हैं।
ये हैं ट्रैफिक सियान
जितेंद्र कुमार गायकवाड़, जीतू सोनी, ओमकार साहू और हेमशंकर साहू ट्रैफिक सियान के तौर पर काम कर रहे हैं। चार सियान फाफाडीह चौक, एसआरपी चौक और महिला थाना ट्रैफिक सिग्नल के पास लाठी लेकर तैनात रहते हैं। ट्रैफिक सियान बनने के लिए 20 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से चार लोगों का चयन किया गया। सभी को दो दिन की विशेष ट्रेनिंग दी गई।
ट्रैफिक सियान ओमकार साहू ने बताया कि हेलमेट नहीं पहनने वाले या किसी नियम का उल्लंघन करने वाले को जब हम टोकते हैं, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है। कभी निवेदन करते हैं, तो कभी हंसी-मजाक करके हेलमेट पहनने को कहते हैं। आम लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में बताना बहुत अच्छा लग रहा है। एक जिम्मेदारी का एहसास होता है। किसी को दुर्घटना से बचने के लिए जागरूक करने से खुशी होती है। काम तो पहले भी करते थे, लेकिन यह काम ज्यादा बेहतर लग रहा है।
छत्तीसगढ़ी है असरदार
वाहनों की चेकिंग और चालान कार्रवाई के दौरान अधिकांश ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी हिंदी भाषा का प्रयोग करते थे और बोलचाल के तरीकों से भी वाहन चालाक नाराज होते थे। कई बार विवाद की भी स्थिति बनती थी। साथ ही ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूगता भी कम हो रही थी। इसके चलते ट्रैफिक सियान का कंसेप्ट लाया गया। गांव-देहात में सियान का लोग बहुत सम्मान करते हैं और उनका कहना भी मानते हैं। इस कारण ट्रैफिक पुलिस भी सियान के जरिए जागरूगता लाने का निर्णय लिया गया। और ट्रैफिक सियान को आवत थंव टैग लाइन के साथ ग्रामीण वेशभूषा के साथ चौराहों पर तैनात किया गया।
बढ़ा कार्रवाई का आंकड़ा
ट्रैफिक पुलिस की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान से कार्रवाई का आंकड़ा बढ़ गया है। 10 फरवरी 2020 से शुरू अभियान में अब तक 14 हजार से अधिक लोगों के चालान कटे हैं। सबसे ज्यादा बाइक वालों का चालान कटा है। 12 हजार से अधिक बाइक वालों का चालान कटा है। कुल समन शुल्क 50 लाख रुपए से अधिक वसूला जा चुका है।
छत्तीसगढ़ में अधिकांश लोग अपने परिवार के या समाज के सियान का कहना मानते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने और उन्हें दुर्घटना से बचने के लिए प्रेरित करने ट्रैफिक सियान तैनात किए गए हैं। इसका असर दिख रहा है। दोपहिया चालक हेलमेट पहनने लगे हैं। कार चालक सीटबेल्ट बांधने लगे हैं। अभियान आगे भी चलता रहेगा।
आरिफ शेख, एसएसपी, रायपुर
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