बहरहाल छत्तीसगढ़ में कोरोना की ग्रोथ रेट 0.9 प्रतिशत बनी हुई है। यानी इस दर से मरीजों में वृद्धि हो रही है। वह इसलिए क्योंकि त्यौहार में लोग घरों से निकले और एक-दूसरे के संपर्क में आए। तो वहीं अब सर्दी शुरू हो चुकी है, जो वायरस को सक्रिय रखने में मददगार है। इसमें भी कमी लाना जरूरी है। उधर, रायपुर में त्योहार के बाद एक दिन ही 300 से अधिक मरीज रिपोर्ट हुए। अन्य जिलों में मिलने वाले मरीजों की संख्या में थोड़ी कमी आई है।
क्या है संक्रमण दर
संक्रमण दर का अर्थ है कि 100 मरीजों की जांच में कितने मरीज संक्रमित पाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा 6.7 यानी प्रति 100 टेस्ट में 7 लोगों में वायरस की पहचान हो रही है। यह दर सितंबर में 16.3 प्रतिशत तक जा पहुंची थी। क्योंकि तब औसतन 2700 मरीज मिल रहे थे, अभी 1700 के करीब।
जानें क्या है ट्रिपल टी फॉर्मूला
टेस्टिंग- प्रदेश में हर दिन औसतन 23000 सैंपल जांचें जा रहे हैं। मगर, जिस दिन यह औसत होती है तो मरीज १८००-१९०० मिलते हैं। मगर, ३०,००० से अधिक टेस्ट होने पर मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।
कहां कमी- कई जिलों में संदिग्धों की पहचान के लिए अभियान बंद है। मरीज आएंगे तो जांच करेंगे, यह फॉर्मूला है। जो संक्रमण को बढ़ाएगा।
ट्रेसिंग- स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने कांट्रेक्ट ट्रेसिंग टीम को प्रत्येक पॉजिटिव मरीज के पीछे कम से कम ५ प्राइमरी कांटेक्ट वालों को ट्रेस करने निर्देश दिए हैं। ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।
कहां कमी- करीब एक महीने से कांटेक्ट ट्रेसिंग का काम लगभग बंद सा पड़ गया था। मरीजों के संपर्क वालों की कोई खोज-खबर नहीं ली जा रही थी। जबकि प्राइमरी कांटेक्ट के संक्रमित होने की संभावना सर्वाधिक होती है।
ट्रीटमेंट- प्रदेश में बेड, ऑक्सीजनयुक्त और वेंटीलेटरयुक्त बेड पर्याप्त हैं। कोविड केयर सेंटर में लक्षण रहित मरीजों के भर्ती करने का विकल्प है, मगर होम आईसोलेशन की सुविधा शुरू होने से कोविड केयर सेंटर में कम ही मरीज जाना पसंद कर रहे हैं।
कहां कमी- व्यक्ति के संक्रमित पाए जाने पर उन्हें उसी दिन नहीं बल्कि २४ घंटे या उससे भी अधिक समय के बाद अस्पताल ले जाया जाता है। बुजुर्र्गों को होम आईसोलेशन में रखने का नियम नहीं है फिर उन्हें रहने दिया जा रहा है।
कोरोना की दूसरी लहर, पहली लहर जैसी स्थिति नहीं है। कोरोना तो विद्मान है और यह हमेशा रहेगा। वैक्सीन आने से इसका इलाज संभव होगा। छत्तीसगढ़ में अभी हालात नियंत्रण में हैं। बस संक्रमण दर को ३ प्रतिशत के नीचे लाना है। यह मुमकिन है जब निर्देशों का हम पालन करेंगे।
– टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़