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मरीजों के साथ खिलवाड़ ! इस अस्पताल में किडनी डॉक्टर के बिना हो रहा इलाज, 50 हजार तक वसूल रहे फीस

Chhattisgarh Health Report : किडनी मरीजों के साथ स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

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CG Health Report : किडनी मरीजों के साथ स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग कई महीनाें से हजारों मरीजाें की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। किडनी रोग के गंभीर मरीजों के लिए केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रधानमंत्री मुफ्त हीमो डायलिसिस योजना शुरु की थी। ठेका लेने वाली कंपनी ने 14 में से सिर्फ तीन जिलों में डॉक्टर नियुक्त किया, बाकी के 11 जिलों में कोई भी डॉक्टर नियुक्त नहीं हुआ। उन 11 जिलों में बिना चिकित्सक के ही गंभीर मरीजों की हीमो डायलिसिस की जाती रही।

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इस योजना के जिम्मेदार अधिकारियों ने मरीजाें के जीवन के साथ जानलेवा लापरवाही की है। मरीज के जीवन से खिलवाड़ करने वाली एजेंसी और ऐसी गंभीर लापरवाही को नजरअंदाज करने वाले कार्यक्रम क्रियान्वयन अधिकारी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। बता दें कि छत्तीसगढ़ में 14 जिला चिकित्सालयों में मुफ्त हीमो डायलिसिस योजना चल रही है।

यह तय थी शर्त

पत्रिका के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार इसका ठेका कोलकाता की फर्म ईएसकेएजी संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। निविदा की शर्तों के अनुसार हर जिले में हीमो डायलिसिस यूनिट में एक विशेषज्ञ चिकित्सक ठेका लेने वाली कंपनी द्वारा नियुक्त किया जाना था।

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कार्रवाई नहीं, मिल गया एक्सटेंशन

करीबन 1098 रुपए के हिसाब से 2021 तकरीबन 2 हजार मरीजों का डायलिसिस और एक विशेषज्ञ का 50 हजार रुपए के हिसाब से भुगतान किया गया। कंपनी की इस बड़ी लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ईएसकेएजी संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड कोलकत्ता पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। जब इस मामले का खुलासा हुआ तो सिर्फ डॉक्टर नियुक्त नहीं करने की जगह 50000 रुपए प्रति माह के हिसाब से लंबित भुगतान में से काट लिए गए।


बिना विशेषज्ञ के हीमो डायलिसिस करने की जानकारी मिली थी। इसके बाद कंपनी के भुगतान में डॉक्टर के वेतन की राशि काटी गई है।
- डॉ. कमलेश जैन, कार्यक्रम अधिकारी, प्रधानमंत्री मुफ्त हीमो डायलिसिस योजना

यह गंभीर विषय है। कंपनी की लापरवाही की शिकायत मिली है। इस संबंध में कपनी को नोटिस जारी किया जाएगा।
- रेणु जी.पिल्ले अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा