रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है। ऊर्जाधानी में विभिन्न जिले व प्रदेश से कर्मचारी व अधिकारी कंपनी, शासकीय व निजी संस्थनों के दफ्तरों में कार्यरत हैं। वहीं कोरबा सेे भी लोग बाहर कार्यरत हैं। ऐसे में घर से दूर रहने वाले भाईयों की कलाई सूनी नहीं रहे। इसके लिए बहनों ने भाईयों के लिए राखी खरीदने तैयारी एक पखवाडे़ से शुरू कर दी है। डाकघर व कोरियर के माध्यम से राखियों भेज रही हैं। इस बीच डाकघर प्रबंधन ने हर साल की तरह इस साल भी बहनाें की राखी भाईयों तक बारिश के मौसम में सुरक्षित रखने के लिए स्पेशल लिफाफा मंगाया है। यह प्लास्टिक कोटेट है। पहली खेप में तीन हजार लिफाफा पहुंचा है। वह अब खत्म होने के कगार पर है। लिफाफा की मांग को देखते हुए डाकघर प्रबंधन ने मुख्यालय से और लिफाफा मंगाने की बात कही जा रही है। राखी भेजने के लिए पोस्ट ऑफिस में बहनों की भीड़ शुरू हो गई।
औसतन 10 हजार लिफाफा होता है बुक
प्रबंधन ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व पर औसतन हर साल आठ से 10 हजार राखियों के लिफाफा रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट के माध्यम से बुक होती है। पिछले दो साल के दौरान कोरोना महामारी की वजह से संख्या कम थी और लिफाफा भी कम पहुंची थी।
पोस्टऑफिस में रखा गया पीले रंग का डिब्बा
रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए प्रधान डाकघर प्रबंधन ने राखी भेजने के लिए विशेष पीला रंग का डिब्बा कार्यालय के बाहर रखा गया है। बहने अपनी राखी इस डिब्बे में डाल सकते हैं। इस डिब्बे के डाक को प्राथमिकता के रुपए प्रेषित करने की बात कही गई है।
लिफाफा के स्वरूप में किया बदलाव
प्रबंधन ने बताया कि राखी के लिए आया लिफाफा पूरी तरह से प्लास्टिक से कोटेट है और आकर्षक रंग में दिया गया है। इस बार नाम और पता लिखने के लिए स्थान दिया गया है। पहले यह नहीं था। प्रति लिफाफा की दर 10 रुपए है।
रक्षाबंधन पर्व को लेकर स्पेशल प्लास्टिक कोटेट लिफाफा पहुंच गया है। वहीं कार्यालय के बाहर राखि भेजने के लिए पीला रंग का डिब्बा रखा गया है। ताकि समय पर राखि लोगों तक पहुंच सके।
-विजय दुबे, पोस्ट मास्टर, प्रधान डाकघर, कोरबा