बस्तर के रहने वाले संतोष माथुर यह काम एक महिला समूह के जरिए कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्य में बढ़ते प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए उनकी इस पहल की काफी प्रशंसा हो रही है। संतोष महिला समूह के माध्यम से प्रतिदिन 230 पेन का निर्माण कर रहे हैं। लोगों का पेन के प्रति रूझान बढ़े इसके लिए इसके निर्माता में टमाटर, बैगन, गेंदा, तुलसी व गाजर जैसे फल व फूलों के बीज का भी उपयोग किया जाता है।
संतोष का कहना है कि सरकार को इसे दूसरे क्षेत्रों में निर्माण के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे उसका उत्पादन बढ़ेगा और प्लास्टिक कचरे को कम करने में कुछ हद तक कमी लाई जा सकेगी।
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