डीजल महंगा होने से और बढ़ेगी महंगाई
डीजल का दाम बढऩे से जरूरी और गैरजरूरी सामान और महंगे होंगे। प्रदेश में पेट्रोल और डीजल का मूल्य बढ़ गया है। वह भी तब जबकि अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर क’चे तेल का मूल्य बहुत नीचे हो चुका है। मूल्य बढऩे पर डीजल से चलने वाले माल वाहनों का किराया बढऩा तय है। इससे बाजार में महंगाई और बढ़ेगी। दाल, चीनी, चावल, आटा और सब्जियों के भाव पर असर पड़ेगा। इससे हर घर में रसोई का खर्च बढऩा तय है।
10 रुपए बढ़ गए खाद्य तेल के भाव
लॉकडाउन के समय में खाद्य तेल महंगा हो गया है। एक महीने में सरसों और रिफाइंड तेल का भाव 10 रुपए प्रति किलो/लीटर तक बढ़ गया है। अप्रैल में रिफाइंड तेल 110 रुपए किलो/लीटर बिक रहा था। इस समय रिफाइंड 120 रुपये प्रति किलो/लीटर बिक रहा है। वहीं आटा 28 से 35 रुपये किलो बिक रहा है।
अरहर, मूंग, उड़द, लाल मसूर दाल हुई महंगी
थोक व फुटकर बाजार में अरहर, मूंग, उड़द और लाल मसूर दाल के दामों में भी काफी इजाफा हो गया है। थोक व फुटकर बाजार में उड़द और मूंग दाल 10 रुपये किलो तक महंगी हुई है। मसूर दाल का भाव दो रुपये किलो तक बढ़ गया है। अरहर दाल 100 से 120 रुपये किलो बिक रही है।
चिकन-मटन के दाम में उछला
लॉकडाउन के पहले ही मटन और चिकन मंहगा हो गया है। सितम्बर में मटन 600 रुपये और चिकन 180 रुपये किलो में बिक रहा था। लॉकडाउन के बाद चोरी-छिपे बाजार में मटन 750 से 800 रुपए किलो तक बिकने की उम्मीद जताया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से मटन 650 रुपए किलो बिक रहा है।
सिगरेट, गुटखा की जोरो से हो रही कालाबाजारी
लॉकडाउन से पहले सिगरेट और गुटखा की कालाबाजारी शुरू हो गई। थोक विक्रेताओं ने सिगरेट, गुटखा की कालाबाजारी शुरू कर दी है। बताते हैं कि डिब्बे वाला गुटखा निर्धारित दर से 200 रुपये अधिक कीमत तक बेचा जा रहा है। प्रति पैकेट सिगरेट के दाम 30 से 50 रुपये तक बढ़ाए गए हैं। फुटकर दुकानदार कहते हैं कि थोक में गुटखा और सिगरेट महंगा मिल रहा है।