रायपुरPublished: Nov 22, 2022 11:27:22 am
Sakshi Dewangan
कमिश्नर ने अपील स्वीकार की और भूमिस्वामी मदन अग्रवाल के पक्ष में आदेश कर दिया। कमिश्नर के आदेश के विरुद्ध मंजू दूबे ने रेवेन्यू बोर्ड में अपील की। उन्होंने अपनी अपील में दावा किया कि मदन अग्रवाल की मृत्यु हो चुकी है। अग्रवाल के नाम पर रेवेन्यू बोर्ड के समक्ष फर्जी वारिस खड़े कर दिए गए। सुनवाई के बाद रेवेन्यू बोर्ड ने अपीलार्थी मंजू दुबे के पक्ष में आदेश पारित कर दिया।
बिलासपुर. हाईकोर्ट के समक्ष एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर उसकी जमीन को लेकर रेवेन्यू बोर्ड से आदेश पारित करा लिया। जानकारी मिलते ही जमीन के मालिक ने हाइकोर्ट की शरण लेकर कहा कि वह जिंदा है और फर्जीवाड़ा कर उसकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने रेवेन्यू बोर्ड के आदेश पर रोक लगा दी है।
मामला बिलासपुर के बिल्हा ब्लाक का है। जहां के रहने वाले मदन अग्रवाल की भूमि पर मंजू दूबे नामक महिला अपना कब्जा बताती हैं। यह प्रकरण तहसील में चला, जहां मंजू के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया। इसको लेकर भूमि स्वामी मदन अग्रवाल की ओर से कमिश्नर के समक्ष अपील की गई। कमिश्नर ने अपील स्वीकार की और भूमिस्वामी मदन अग्रवाल के पक्ष में आदेश कर दिया। कमिश्नर के आदेश के विरुद्ध मंजू दूबे ने रेवेन्यू बोर्ड में अपील की। उन्होंने अपनी अपील में दावा किया कि मदन अग्रवाल की मृत्यु हो चुकी है। अग्रवाल के नाम पर रेवेन्यू बोर्ड के समक्ष फर्जी वारिस खड़े कर दिए गए। सुनवाई के बाद रेवेन्यू बोर्ड ने अपीलार्थी मंजू दुबे के पक्ष में आदेश पारित कर दिया।
कोर्ट को दी खुद के जीवित होने की जानकारी
इस बात की जानकारी होने पर परेशान जिंदा भूमि स्वामी मदन अग्रवाल ने अधिवक्ता अमित कुमार के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अपने जीवित होने की जानकारी देते हुए भूमि पर खुद का कब्जा होना बताया। हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद रेवेन्यू बोर्ड के आदेश पर रोक लगा दी। प्रकरण की अगली सुनवाई 29 नवम्बर को होगी, जिसमें प्रतिवादी अपना पक्ष रखेंगे।