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काम के बहाने रायपुर से एमपी ले जाकर दो नाबालिगों की हत्या कर नाले में फेंका शव, 12 दिन बाद पुलिस को मिला कंकाल

locationरायपुरPublished: Jun 13, 2021 02:06:56 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती इलाके से दो नाबालिगों को फल लाने के बहाने मोहल्ले का युवक अपने साथी के साथ मध्यप्रदेश ले गया। वहां दोनों ने पैसा हड़पने के लिए दोनों नाबालिग की बेरहमी से हत्या कर दी।

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काम के बहाने रायपुर से एमपी ले जाकर दो नाबालिगों की हत्या कर नाले में फेंका शव, 12 दिन बाद पुलिस को मिला कंकाल

रायपुर. राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती इलाके से दो नाबालिगों को फल लाने के बहाने मोहल्ले का युवक अपने साथी के साथ मध्यप्रदेश ले गया। वहां दोनों ने पैसा हड़पने के लिए दोनों नाबालिग की बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को छुपाने के लिए नाले में फेंक दिया। 12 दिन बाद पुलिस को इसकी जानकारी हुई। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरी ओर मृतकों के परिजनों ने पुलिस पर नाबालिगों को ढूंढने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
पुलिस के मुताबिक पुरानी बस्ती के चेरीबाड़ी केसरी बगीचा निवासी 17 साल 10 माह के रंजित विश्वास और 17 साल 11 माह 29 दिन के उमेश यादव भाठागांव इलाके की बाड़ियों से फल और सब्जी लाने-ले जाने का काम करते हैं। इसी मोहल्ले में खेलन पाल उर्फ खिलावन भी अपनी पत्नी के साथ रहता था और सब्जी मंडी में सब्जी व फल उतारने का हमाली काम करता था। इस कारण तीनों एक दूसरे को जानते थे।

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1 जून को खिलावन दोनों नाबालिगों को मध्यप्रदेश के अनुपपुर से फल लाने के लिए बोला। रंजीत के पास पिकअप सीजी 04 एमआर 4252 थी। इसके बाद तीनों पिकअप से निकल गए। अनुपपुर पहुंचने पर खिलावन ने अपने दोस्त रामस्वरूप अघरिया उर्फ बोरा को भी बुला लिया और ग्राम बेलहा के खेत में बनी एक झोपड़ी में पहुंचे। रात में आरोपियों ने दोनों नाबालिगों को शराब पिलाया। इसके बाद दोनों सो गए। इस बीच खिलावन और रामस्वरूप ने दोनों के सिर पर पत्थर पटक-पटक कर हत्या कर दी। इसके बाद शव को पीकअप में भरकर घटनास्थल से करीब 20 किमी दूर पंडरी बाकन के बीच ले गए और नाले में फेंक दिया। पिकअप को भी नाले में छोड़ दिया। इसके बाद दोनों अपने मूल गांव बरगांव जिला डिंडौरी आ गए।

महज 20 हजार के लिए रची साजिश
रंजित के पास हर समय 15 से 20 हजार रुपए रहते थे। खिलावन को इसकी जानकारी थी। इसलिए उसके पैसों की हड़पने के लिए उसने साजिश रची और रंजित को बहाने से अनुपपुर ले गया। रंजित अपने साथ उमेश को भी ले गया था। आरोपियों ने हत्या के बाद रंजित के पैसे रख लिए। मोबाइल बंद कर दिया। इसके बाद अपने गांव चले गए।

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फोन बंद मिला, तो थाने पहुंचे
दोनों नाबालिग के मोबाइल बंद मिलने पर घर वालों को चिंता हुई। मोहल्ले वालों ने नाबालिगों को खिलावन के साथ जाते हुए देखा था। इसलिए उन्होंने खिलावन को कॉल किया और बताया कि दोनों बालक घर नहीं आए हैं, उनका मोबाइल भी बंद बता रहा है। इस पर खिलावन ने बालकों के बारे में अनभिज्ञता जताते हुए परिजनों को गुमराह करने की कोशिश की। इसके बाद अपना मोबाइल बंद कर दिया। इसके बाद परिजनों ने पुरानी बस्ती थाने में शिकायत की। पुलिस ने नाबालिग होने के कारण अपहरण का मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद उनके कॉल डिटेल खंगालने लगे।

12 दिन बाद पता चला
पुलिस ने दोनों बालकों के लापता होने का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन उनकी तलाश में गंभीरता नहीं दिखाई। परिजन लगातार थाने के चक्कर काटते रहे। करीब 3 तीन पहले पुलिस की एक टीम खिलावन से पूछताछ करने डिंडौरी जिले में उसके मूल गांव पहुंची। पूछताछ में उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर नाबालिगों की हत्या करना स्वीकार किया। इसके बाद पुलिस दोनों आरोपियों को लेकर घटना स्थल अनुपपुर पहुंची और दोनों के शव को बरामद किया। शव के नाम पर कंकाल ही मिला। आरोपियों ने 1 जून की रात ही दोनों की हत्या कर दी थी। शव डिकंपोज हो चुका था।

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सुपारी देकर हत्या करवाया
आरोपी खिलावन बार-बार अपना बयान बदलकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा। कभी सुपारी देकर हत्या कराने की बात कहता था, तो कभी पैसों के लालच में हत्या करना बताता था। आरोपी पुलिस को बताता था कि एक व्यक्ति ने 50 हजार रुपए देकर हत्या करवाया है। लेकिन उसके बारे में कुछ नहीं बताता था। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को हत्या और साजिश के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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