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दरअसल, यह घटना मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल भीमराव अंबेडकर अस्पताल की है, जहां
बिहार के गया जिला के रहने वाले अम्बिका कुमार अपनी पत्नी के साथ अपने दो माह के मासूम बेटे के सत्यसाईं अस्पताल में ह्दय के इलाज के लिए आज ट्रेन से रायपुर पहुंचा। इसके बाद अम्बिका कुमार बच्चे के इलाज के लिए सत्यसाईं अस्पताल पहुंचा।
जानकारी के अनुसार सत्यसाईं में इलाज के लिए डॉक्टरों ने कुछ दिन का समय दिया था। तब जब पेशे से मजदूर अम्बिका कुमार अपने मासूम को अम्बेडकर अस्पताल में भती के लिए एम्बुलेंस संजीवनी एक्सप्रेस से रवाना हो गया।
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एम्बुलेंस जब मासूम को लेकर अम्बेडकर अस्पताल पहुंची तो वहां गेट लॉक हो गया। करीब डेढ़ घंटे तक लगातार कोशिशों के बाद भी एम्बुलेंस का गेट नहीं खुला तो एम्बुलेंस के गेट को खुलवाने के लिए मैकेनिक के पास ले जाया गया। लेकिन मैकेनिक के तमाम कोशिशों के बाद भी एम्बुलेंस का गेट नहीं खुला।
अंत में बच्चे को करीब दो घंटे बाद एम्बुलेंस की खिड़की से बाहर निकाला गया तब मासूम की दम घुटने से मौत हो गई थी। मासूम की मौत से अम्बिका कुमार और उसकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। अम्बिका कुमार मासूम के इलाज के लिए एम्स दिल्ली से रायपुर पहुंचा था।