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छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से दो और मौतें

locationरायपुरPublished: May 18, 2021 12:23:39 am

Submitted by:

ramendra singh

बढ़ता खतरा: कुल 76 मरीज, 50 एम्स में भर्ती, 12 का सफल ऑपरेशन

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से दो और मौतें

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से दो और मौतें

रायपुर. प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) जानलेवा साबित हो रहा है। सोमवार को इससे दो महिला मरीजों की मौत हो गई। कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ की 76 वर्षीय करुणा वर्मा की एम्स में और भिलाई में बी. लक्ष्मी की मौत हो गई। इस बीमारी से पहली मौत 6 दिन पहले भिलाई में हुई थी। शहर के सेक्टर-1 सी मार्केट निवासी 48 वर्षीय वी. श्रीनिवास राव की इस बीमारी से मौत हुई थी। इस तरह अब तक तीन मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के कुल 76 मरीज होने की पुष्टि की है। इनमें से 50 का इलाज रायपुर एम्स में चल रहा है। एम्स के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 20 दिनों पहले करूणा वर्मा कोरोना पॉजिटिव हुई थी। होम आइसोलेशन में रहकर ठीक भी हो गई थी। करीब 5 दिन पहले आंख में दिक्कत होने पर उनके बेटे शलभ वर्मा उन्हें लेकर रायपुर एम्स आए थे। शलभ ने बताया, एम्स में मां का ऑपरेशन किया गया, वे रिकवर हो रही थीं, लेकिन सोमवार को अचानक हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। वैसे, अभी इस मौत की जानकारी प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को नहीं है। दूसरी मौत दुर्ग जिले में हुई। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज, जुनवानी में दाखिल ब्लैक फंगस से पीडि़त बी. लक्ष्मी ने सोमवार की सुबह दम तोड़ दिया। उनको ब्लैक फंगस का इंजेक्शन लगाया जाना था, जो मेडिकल कॉलेज में नहीं मिल पाया तो उन्हें रविवार को सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया गया, हालांकि वहां भी मरीज के प्लेटलेट्स कम होने की वजह से इंजेक्शन नहीं लगाया जा सका। आखिर वहां उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके पति रेलवे से रिटायर्ड हैं। दुर्ग सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि मरीज को ब्लैक फंगस के अलावा दूसरा मर्ज भी था। प्लेटलेट्स कम होने की वजह से इंजेक्शन भी नहीं लगाया जा सका और उनकी मौत हो गई।

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे केस
स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैक फंगस के 76 मरीजों की पुष्टि की है, हालांकि 100 से ज्यादा मरीजों की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। एम्स में भिलाई, कबीरधाम, दुर्ग, रायपुर, महासमुंद, जांजगी-चांपा, राजानांदगांव व कुछ अन्य जिलों के 50 मरीज भर्ती हैं। 12 मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। आंबेडकर अस्पताल में 4, बिलासपुर के सिम्स में 3 और कई निजी अस्पतालों में और भी मरीज भर्ती हैं।

पर्याप्त दवाएं और इंजेक्शन उपलब्ध: स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि ब्लैक फंगस की पर्याप्त मात्रा में दवाएं और इंजेक्शन उपलब्ध है। मरीज राजधानी के एम्स और मेडिकल कॉलेज में मरीज भर्ती हैं। प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में मरीजों के भर्ती होने की अभी जानकारी नहीं है। इलाज के लिए राज्य के तकनीकी समिति के विशेषज्ञों की तरफ से अनुशंसित स्टैन्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल सभी मेडिकल कॉलेज को जारी किया जा चुका है।

संक्रामक बीमारी नहीं है ब्लैक फंगस

यह संक्रामक बीमारी नहीं है यानी ये एक मरीज से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। यह सेकंडरी संक्रमण की श्रेणी में आता है। यह उन मरीजों को ज्यादा प्रभावित करता है, जिन्हें अनियंत्रित डायबिटीज है और उनके कोविड इलाज में स्टेरॉयड का इस्तेमाल हुआ है।

दूसरे मेडिकल कॉलेजों की जानकारी नहीं
राजधानी में ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं। प्रदेश के किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने की जानकारी अभी तक नहीं आई है। सभी मेडिकल कॉलेजों को लोकल खरीदी करने के निर्देश दिए गए हैं। एम्स में महिला के मौत की जानकारी अभी तक नहीं है।

डॉ. सुभाष मिश्रा, प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग

2500 इंजेक्शन और मंगाए गए हैं

1500 इंजेक्शन आए थे, जिन्हें एम्स और आंबेडकर अस्पताल को उपलब्ध कराए गए हैं। 2500 इंजेक्शन और मंगाए गए हंै, जिनके मंगलवार तक आने की उम्मीद है। राजधानी में दवा और इंजेक्शन की किक्लत अभी तक सामने नहीं आई है।
अश्विनी विग, जिला दवा विक्रेता संघ, रायपुर
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