प्रदेश में लगातार बढ़ रहे केस
स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैक फंगस के 76 मरीजों की पुष्टि की है, हालांकि 100 से ज्यादा मरीजों की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। एम्स में भिलाई, कबीरधाम, दुर्ग, रायपुर, महासमुंद, जांजगी-चांपा, राजानांदगांव व कुछ अन्य जिलों के 50 मरीज भर्ती हैं। 12 मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। आंबेडकर अस्पताल में 4, बिलासपुर के सिम्स में 3 और कई निजी अस्पतालों में और भी मरीज भर्ती हैं।
पर्याप्त दवाएं और इंजेक्शन उपलब्ध: स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि ब्लैक फंगस की पर्याप्त मात्रा में दवाएं और इंजेक्शन उपलब्ध है। मरीज राजधानी के एम्स और मेडिकल कॉलेज में मरीज भर्ती हैं। प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में मरीजों के भर्ती होने की अभी जानकारी नहीं है। इलाज के लिए राज्य के तकनीकी समिति के विशेषज्ञों की तरफ से अनुशंसित स्टैन्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल सभी मेडिकल कॉलेज को जारी किया जा चुका है।संक्रामक बीमारी नहीं है ब्लैक फंगस
यह संक्रामक बीमारी नहीं है यानी ये एक मरीज से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। यह सेकंडरी संक्रमण की श्रेणी में आता है। यह उन मरीजों को ज्यादा प्रभावित करता है, जिन्हें अनियंत्रित डायबिटीज है और उनके कोविड इलाज में स्टेरॉयड का इस्तेमाल हुआ है।दूसरे मेडिकल कॉलेजों की जानकारी नहीं
राजधानी में ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं। प्रदेश के किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने की जानकारी अभी तक नहीं आई है। सभी मेडिकल कॉलेजों को लोकल खरीदी करने के निर्देश दिए गए हैं। एम्स में महिला के मौत की जानकारी अभी तक नहीं है।
2500 इंजेक्शन और मंगाए गए हैं
1500 इंजेक्शन आए थे, जिन्हें एम्स और आंबेडकर अस्पताल को उपलब्ध कराए गए हैं। 2500 इंजेक्शन और मंगाए गए हंै, जिनके मंगलवार तक आने की उम्मीद है। राजधानी में दवा और इंजेक्शन की किक्लत अभी तक सामने नहीं आई है।अश्विनी विग, जिला दवा विक्रेता संघ, रायपुर