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पहले फर्जी प्रमाण पत्र से हथियाई नौकरी, एक ने दिया इस्तीफा तो दूसरा अब भी कर रहा नौकरी

locationरायपुरPublished: Jul 05, 2022 03:49:05 pm

Submitted by:

Mansee Sahu

जिला आयुर्वेद औषधालय में पिछले 7 साल से फर्जी अंकसूची के बूते नौकरी कर रहे 2 लोगों का काला कारनामा उजागर होने पर एक ने तो इस्तीफा दे दिया। जबकि दूसरा अभी भी नौकरी कर रहा है, उसके खिलाफ जांच जारी है। इधर जिसने इस्तीफा दे दिया है, उस पर अभी तक विभाग ने वैधानिक कार्रवाई नहीं की है।

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बिलासपुर। जिला आयुर्वेद विभाग में वर्ष 2012-13 में औषधालय सेवकों के रिक्त पदों पर भर्ती हुई थी। इस भर्ती में प्रदीप कुमार पिता बलिस्टर प्रसाद और प्रदीप कुमार माथुर पिता जमुना प्रसाद ने आवेदन किया था। आवेदन में प्रदीप कुमार पिता जमुना प्रसाद ने कोरबा के पाली ब्लॉक अंतर्गत ग्राम शिवपुर और प्रदीप कुमार माथुर पिता बलिस्टर प्रसाद ने ग्राम बतरा स्थित पूर्व माध्यमिक शाला से जिला पूर्व माध्यमिक समतुल्यता परीक्षा 2008 की अंकसूची प्रस्तुत की थी। दोनों को विभाग की ओर से बिना छानबीन के भर्ती में चयन किया गया।

प्रदीप कुमार पिता बलिस्टर की पदस्थापना ग्राम सेमरताल में औषधालय में, जबकि प्रदीप कुमार पिता जमुना प्रसाद को कोटा स्थित औषधालय में पदस्थ किया गया था। दोनों की अंकसूचियों में 97-97 प्रतिशत अंक थे। इधर मुंगेली निवासी संदीप सिंह ठाकुर ने कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से दोनों की अंकसूचियां और उनके रोल नंबर की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत निकलवाई थी। जिसमें अंकसूचियां फर्जी निकली थीं।

एक ने दे दिया इस्तीफा
फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद प्रदीप कुमार पिता बलिस्टर प्रसाद ने माह भर पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद विभाग की ओर से अब तक उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई है और न ही 7 महीने पहले कलेक्टर को भेजे गए प्रतिवेदन की प्रगति की जानकारी मांगी है। दूसरी ओर फर्जी अंकसूची से नौकरी हथियाने वाले प्रदीप कुमार माथुर के खिलाफ जिला आयुर्वेद विभाग के अधिकारी ने फिर से जांच शुरू कर दिए हैं। अधिकारियों को डीईओ कोरबा से मिली जानकारी में प्रदीप कुमार माथुर की अंकसूची को फर्जी बताया गया है। विभाग ने अब कोरबा के पाली ब्लॉक के बीईओ से जानकारी मांगी है।

शिकायत के बाद जांच का खेल…
संदीप ने इसकी शिकायत कलेक्टर के जनदर्शन और जिला आयुर्वेद अधिकारी से एक वर्ष पूर्व की थी। जांच में दोनों की अंकसूचियां फर्जी पाई गईं। जिस पर विभाग की ओर से दोनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन 29 नवंबर 2021 को कलेक्टर को भेजा गया था, लेकिन इस मामले में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।

ऐसे आए पकड़ में
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार दोनों की अंकसूची में अंक समान थे। दोनों 97-97 फीसदी अंक से उत्तीर्ण थे। प्रदीप कुमार माथुर की अंकसूची में रोल नंबर 58562 था, इधर प्रदीप कुमार पिता बलिस्टर की अंकसूची में भी रोल नंबर 58562 था। दोनों के स्कूल अलग-अलग थे। दोनों ने वर्ष 2008 में ही परीक्षा पास की थी। इसे लेकर आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में डीईओ कोरबा ने वर्ष 2008 की परीक्षा में ग्राम शिवपुर स्कूल का रोल नंबर 98471 से 08564 और बतरा स्कूल में रोल नंबर 97717 से 07051 होने की जानकारी देते हुए दोनों की अंकसूचियों को फर्जी होने की जानकारी दी थी।

जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ.यशपाल ध्रुव ने कहा फर्जी अंकसूची से नौकरी लगने के मामले में प्रदीप कुमार पिता बलिस्टर प्रसाद ने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है। उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर आदेश नहीं हुआ है। इधर प्रदीप कुमार माथुर के मामले में कोरबा डीईओ और पाली बीईओ से मिली जानकारी अलग-अलग है। दोनों से मामले में फिर से पत्राचार किया गया है। जांच की जा रही है।

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