script35 करोड़ के गोगांव अंडरब्रिज का निर्माण आठ महीने से बंद, पीडब्ल्यूडी के नोटिस का भी असर नहीं | Under bridge construction is pending from 8 month in Raipur | Patrika News

35 करोड़ के गोगांव अंडरब्रिज का निर्माण आठ महीने से बंद, पीडब्ल्यूडी के नोटिस का भी असर नहीं

locationरायपुरPublished: Dec 18, 2018 01:19:03 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए बनाए जा रहे अंडरब्रिज का निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में चला गया है

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35 करोड़ के गोगांव अंडरब्रिज का निर्माण आठ महीने से बंद, पीडब्ल्यूडी के नोटिस का भी असर नहीं

रायपुर. गुढिय़ारी क्षेत्र में बड़ी आबादी को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए बनाए जा रहे अंडरब्रिज का निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में चला गया है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी से अंडरब्रिज का निर्माण अटक गया है। अंडरब्रिज काम पूरा होने की निर्धारित अवधि से डेढ साल पिछड़ गया।
अधूरे में काम छोडकऱ ठेकेदार किनारा कर रहा। पीडब्ल्यूडी निर्माण एजेंसी को कई बार नोटिस और रिमाइंडर भेज चुका है। इसके बावजूद जवाब आना मुश्किल हो रहा है। साढे 35 करोड़ का है ब्रिज। अब तक तीन बॉक्स ढलाई का ही काम हो सका है, जबकि दो और बॉक्स बनाए जाने हैं। बॉक्स बनने के बाद अंदर स्लैब ढलाई के दूसरे काम शुरू नहीं हो पाए हैं। पीडब्ल्यूडी के मुताबिक अंडरब्रिज का काम वीबी प्रॉपर्टी इन्फ्रास्ट्रर कंपनी को दिया गया है।
6 मई 2016 को वर्क आर्डर जारी किया गया था। किसी एक कंपनी के पास टेंडर होने के बाद रीटेंडर की प्रक्रिया अब मुश्किल है। लिहाजा आगे और परेशानी बढ़ सकती है। 850 मीटर लंबाई और 13 मीटर चौड़ाई वाले अंडरब्रिज की लागत 35 करोड़ 40 लाख रुपये तय है।

जून 2017 में हो जाना था काम पूरा
अंडरब्रिज का काम पिछले साल 2017 में जून महीने तक में पूरा हो जाना था। लेकिन निर्धारित अवधि में पूरा होना तो दूर निर्माण कार्य 50 प्रतिशत भी नहीं हो सका। अतिक्रमण हटाए जाने के बाद कंपनी ने नक्शे के हिसाब से अंडरब्रिज के लिए खुदाई के बाद बॉक्स तैयार किए। दोनों छोर से रास्ते निकालकर उसे वैसे ही छोड़ दिया।

कब्जा हटाने में ही हो गई थी देरी : अंडरब्रिज का काम लटकने के पीछे अतिक्रमण हटाने में देरी भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। गुढिय़ारी-गोगांव के हिस्से में पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के संयुक्त आयोजन से अतिक्रमण जनवरी 2017 तक हटाया जा सका। बेजा कब्जे हटाने के साथ निर्माण स्थल पर निजी भूमि हासिल करने की प्रक्रिया में ही 9 महीने की देरी हुई।

क्रासिंग पूरा दिन जाम
उरकुरा-सरोना बाइपास रेललाइन से बड़ी संख्या में मालगाडिय़ां गुजरती हैं। हर 15वें मिनट में रेलवे फाटक बंद होता है। लंबी और धीमी रफ्तार की मालगाडिय़ों की वजह से फाटक खुलने में भी औसतन 15 मिनट लगते हैं। इस दौरान दोनों ओर दिनभर लंबा जाम लगता है। इसीलिए यहां अंडरब्रिज बनवाया जा रहा था, लेकिन काम में देरी की वजह से यह दिक्कत जल्दी कम नहीं होगी।

ठेकेदार ने लेट किया तो मानीटरिंग क्यों नहीं
जानकारों के मुताबिक टेंडर में ठेकेदार ने जो भी जानकारी दी, विभाग को उसकी पड़ताल करनी चाहिए थी कि संबंधित फर्म के पास वास्तव में वह संसाधन हैं या नहीं। यही नहीं, डेडलाइन के 9 महीने बीतने के बाद अब जाकर अफसरों ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करते हुए नोटिस जारी किया। इसलिए यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि काम शुरू होने के बाद ठीक से चल रहा है या नहीं, इसकी जिम्मेदारी जिन अफसरों को सौंपी गयी या जिन्हें मानीटरिंग करनी थी, उन्होंने समय पर विभाग को इससे अवगत क्यों नहीं करवाया?

फैक्ट फाइल
लंबाई-850 मीटर
चौड़ाई – 13 मीटर
ट्रैक पर ऊंचाई -9 मीटर
लागत -35 करोड़ 40 लाख

पहले जाम और अब रास्ते की चिंता
उरकुरा से सरोना जाने वाले मालगाड़ी रूट पर गोगांव मुख्य फाटक है, जिसके दोनों तरफ घनी आबादी है। मालगाड़ी गुजरते वक्त फाटक को 15 से 20 मिनट बंद करने से परेशानी बढ़ती है। ब्रिज का निर्माण शुरू होने के बाद अधूरे छोड़े निर्माण से अब जाम के साथ रिंग रोड-2 की ओर निकलने वाले बंद रास्ते की चिंता बढ़ गई है। हर दिन डेढ़ से दो लाख लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही।

पीडब्लूडी अधिकारी जीपी पवार ने बताया कि गोगांव अंडरब्रिज का काम जल्द से जल्द पूरा करने निर्माण एजेंसी को नोटिस दिया गया है। कुछ महीनों से निर्माण कार्य प्रभावित हैं। निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही की जाएगी।
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