28 पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य की जांच की गई, जिसमें 6 को ब्लड प्रेशर और 3 में शुगर की शिकायत पाई गई है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से फिट इंडिया कैंपेन चलाया जा रहा है। डॉक्टर आशीष शर्मा बीएमओ, पाटन ने बताया कि उम्र 30 साल के ऊपर हो जाने के बाद हर किसी को प्रतिवर्ष शरीर का औसतन हर स्तर पर जांच करवाना चाहिए। मधुमेह आज के दौर में एपेडेमिक रूप ले रही है, क्योंकि सभी जीवन शैली संतुलित नही है।
बचाव का भी तरीका बता रहा विभाग-
स्वास्थ्य सुपरवाइजर ने बताया कि इस कैंपेन के जरिए शासकीय सेवक को गंभीर रोग के शुरू होने से पहले योगा, व्यायाम और संतुलित आहार और पैदल चलने के फायदे बताए गए। इस मौके पर महिला सुपरवाइजर आर विश्वास, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक मुरली मनोहर वर्मा, सीएचओ सोशन फिलिप्स, जैनी रैंबो, प्रिंसी मसीह, नेत्र सहायक अधिकारी एनएम कुर्रे मौजूद थे।
सरकारी दफ्तरों में पहुंच रही टीम-
स्वास्थ्य सुपरवाइजर सैयद असलम ने बताया कि सरकारी कार्यालय, दफ्तर और विभागों में कार्य करने वाले अधिकारी व कर्मी को वर्तमान में स्वास्थ्य रूप से फिट है कि नहीं व इस भाग दौड़ के जीवन में उनके शरीर का स्वास्थ्य कैसे है। गैर संचारी रोग (नान कंयुनिकेबल डिसीज) बीपी, शुगर, नेत्र रोग और अन्य बीमारी उनके अंदर घर तो नहीं बना चुकी है, यह जांच करना है।