राज्य सरकार हसदेव और मांड नदी घाटी में स्थित कोयला खदानों की नीलामी पर आपत्ति जता चुकी है। केंद्रीय कोयला मंत्री जोशी कोयला खदानों की व्यवसायिक नीलामी प्रक्रिया की अड़चन दूर करने की कोशिश में गुरुवार देर शाम रायपुर पहुंचे। माना हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से चर्चा में कोयला मंत्री जोशी ने कहा, मोदी सरकार संघ व्यवस्था में विश्वास करती है, इसलिए मिलकर चर्चा की जाएगी। मैं मुख्यमंत्री से मिलकर सभी मुद्दों पर बातचीत करूंगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 18 जून से कोयला खदानों की व्यवसायिक नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। इसमें देश की 41 खदानों की नीलामी होनी है। छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य, मांड और रामकोला तातापानी क्षेत्र में स्थित 9 कोल ब्लॉक भी नीलामी सूची में है। यह सघन वनों का इलाका है।
यह हसदेव और मांड नदियों का जल ग्रहण क्षेत्र है। इसी इलाके में राज्य सरकार ने 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का लेमरू हाथी रिजर्व प्रस्तावित किया है। इसकी अधिसूचना निकलने वाली है। 20 जून को छत्तीसगढ़ के आवास, वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जता दी थी।
जुलाई की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कुछ मीडिया संस्थानों से कहा था, सरकार की आपत्तियों के बाद 4 खदानों को नीलामी सूची से बाहर कर दिया गया है, लेकिन 9 जुलाई को कोयला मंत्रालय ने नीलामी के लिए प्रस्तावित कोल ब्लॉक का तकनीकी विवरण सार्वजनिक किया। इसमें सभी 9 खदानों का विवरण मौजूद था। इस बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने मोहम्मद अकबर को चार लाइन का पत्र लिखकर कहा था, मंत्रालय आप की आपत्तियों की पड़ताल कर रहा है।