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आयु‍ष विवि के दीक्षांत समारोह में बोले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री – बीमारी के साथ बीमार व्यक्ति का करें इलाज

locationरायपुरPublished: Jan 07, 2018 05:56:15 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयु‍ष विवि के दीक्षांत समारोह में शामिल होने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा रायपुर पहुंचे।

Convocation of Ayush University

Union Health Minister JP Nadda at 2nd Convocation of Ayush University

रायपुर . पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयु‍ष विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल होने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा रविवार को रायपुर के साइंस कॉलेज ऑडिटोरियम पहुंचे। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने समारोह के दौरान वर्ष 2014 से 2016 बैच के 172 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी। समारोह में गगनदीप सलूजा ने सबसे ज्यादा पांच गोल्ड मेडल और दीपिका पांडेय को चार गोल्ड मेडल मिले।

समारोह में केंद्रीय मंत्री नड्डा ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि आज डॉक्टर बीमारियों का इलाज करते हैं न कि बीमार व्यक्ति का। उन्होंने इस बात पर फोकस करते हुए कहा कि डॉक्टरों को बीमारी के साथ बीमार व्यक्ति का इलाज करना चाहिए, जिससे बीमारी का सटीक इलाज हो सके।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री मोदी सरकार के अंतर्गत के शुरू किए गए स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रकाश डाला। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में शुरू हुई स्वास्थ्य योजनाओं से आम लोगों को काफी मदद मिल रही है। इससे जनता को काफी फायदा पहुंच रहा है।समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छात्रों को सलाह दी कि वे बेहतर डॉक्टर के साथ बेहतर इंसान भी बने। राज्यपाल बलराम दास टंडन ने भी समारोह को संबोधित किया।

दीक्षांत में ये हुए सम्मानित : समारोह में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए पद्मश्री एमपी पांडे, पद्मश्री एटी दाबके, डॉ. आईएम शेट्टी, डॉ. एसआर गुप्ता को सम्मानित किया।

ये हुए शामिल : दीनदयाल उपाध्याय ऑटोटोरियम में हुए आयुष विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल बलरामदास टंडन, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, स्वास्थ एवं पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर, लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, विधायक श्रीचंद सुंदरानी उपस्थित थे।

घर पर सभी कहते एक डॉक्टर होना चाहिए
दीक्षांत समारोह में पांच मेडल पाने वाले डॉक्टर गगनदीप बताते हैं कि बचपन से ही घर में सुनता था कि एक डॉक्टर होना चाहिए। मैंन रोज सुनता और सोचता कि बनूंगा तो डॉक्टर। 10वीं 90 परसेंट लाने और मैथ्स में अच्छे माक्र्स आने पर सभी लोग बोले की जेईई की तैयारी कर ले लेकिन मैंने तय किया की जांउगा तो केवल मेडिकल फिल्ड में। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया, जम कर पढ़ाई की। आज मुझे ओवल ऑल यूनिवर्सिटी टॉपर, ओवर ऑल बॉयज टॉपर, फाइनल ईयर टॉपर, फस्ट ईयर टॉपर, हायर स्कोर इन सब्जेक्ट पर पांच मैडल मिल रहे हैं। इसके साथ ही आज मैं टोपी वाला नेशनल मेडिकल कॉलेज से एमडी रेडियोडयग्नोसिटिक कर रहा हूं। जब घर पर जब किसी का ईलाज करता हूं तो बचपन की बातें याद आ जाती हैं।

मस्ती के साथ की पांच साल पढ़ाई
चार गोल्ड मैडल पाने वाली दीपिका पांडे बताती है कि कॉलेज में शायद की कोई प्रोफेसर, बेचमैंट मेरी हरकतों से तंग न आया हो। सभी को थोड़ा बहुत परेशान करने में मुझे मजा आता है। इसी तरह की यादों के साथ पांच साल गुजर गए आज मुझे जब मैडल मिलने वाला है तो सभी तरह की यादें ताजी हो गयी।

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