पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय वित्त मंत्री के बयान को असंवेदनशील बताया। सिंहदेव ने कहा, वे प्याज नहीं खातीं हैं तो क्या प्याज की कीमतें 100 रुपए के पास पहुंच जाने देंगी। उनका परिवार नहीं खाता, लेकिन देश के करोड़ो आम लोग तो प्याज खाते हैं। यह उनके रोज के खानपान का हिस्सा है। अगर उसकी दरे अस्वाभाविक रूप से बढ़ती हैं तो उसकी रोकथाम का उपाय तो सरकार को ही करना होगा।
पूर्व विधायक और वित्तीय मामलों के जानकार रमेश वल्र्यानी ने कहा, ऐसे बयानों के जरिए केंद्र सरकार और उनके मंत्री गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं। वल्र्यानी ने कहा, वित्त मंत्री प्याज नहीं खातीं, कोई बात नहीं। लेकिन वे यह क्यों भूल जाती हैं कि प्याज गरीब भारतीयों के भोजन का हिस्सा है। जब सरकार को पता था कि प्याज का उत्पादन कम होगा तो समय से आयात क्यों नहीं किया गया। समय से आयात होता तो मांग-आपूर्ति का संतुलन बना रहता और जनता को तरसना नहीं पड़ता।
बचाव में उतरी भाजपा
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने सीतारमन का बचाव किया। उन्होंने कहा, केंद्रीय वित्त मंत्री ने जो बाते कहीं हैं, कांग्रेस उसका दूसरा मतलब निकाल रही है। कांग्रेसियों को ऐसे में मामले में राजनीति से बाज आना चाहिए।