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केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में कहा, मैं लहसुन-प्याज नहीं खाती, मुख्यमंत्री बोले, चावल तो खाती ही होंगी, वहीं ले लीजिए

locationरायपुरPublished: Dec 06, 2019 01:34:37 am

Submitted by:

Mithilesh Mishra

– निर्मला सीतारमन के बयान की आलोचना तेज- प्याज की बढ़ती कीमतों के दौर में असंवेदनशील बता रहे हैं लोग

केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में कहा, मैं लहसुन-प्याज नहीं खाती, मुख्यमंत्री बोले, चावल तो खाती ही होंगी, वहीं ले लीजिए

केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में कहा, मैं लहसुन-प्याज नहीं खाती, मुख्यमंत्री बोले, चावल तो खाती ही होंगी, वहीं ले लीजिए

रायपुर. देश भर में प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के एक बयान से लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। प्याज की कीमतों पर संसद में हो रही चर्चा के दौरान सीतारमन ने गुरुवार को कहा, मैं लहसुन-प्याज नहीं खाती हूं। आप फिक्र मत कीजिए। मैं ऐसे परिवार से आती हूं जहां ज्यादा प्याज-लहसुन का मतलब नहीं है।
उनका बयान सामने आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है। अपने आधिकारिक टविटर हैंडल पर मुख्यमंत्री ने लिखा, माननीया वित्त मंत्री जी! माना कि प्याज से आपको फर्क नहीं पड़ता लेकिन चावल तो आप लोग खाते ही होंगे। तो छत्तीसगढ़ के किसानों का चावल ही खरीद लीजिये, जिससे किसानों का भला होगा।
मुख्यमंत्री ने इसके जरिए केंद्र सरकार के सामने धान उपार्जन योजना में शेष बचे हुए 32 लाख मीट्रिक टन चावल का मामला उठाया है। केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय ने बोनस देने पर छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त चावल खरीदने से इन्कार कर रखा है। इसकी वजह से सरकार को 2500 रुपए प्रति क्विंटल देने की योजना को बजट सत्र तक के लिए टालना पड़ा है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय वित्त मंत्री के बयान को असंवेदनशील बताया। सिंहदेव ने कहा, वे प्याज नहीं खातीं हैं तो क्या प्याज की कीमतें 100 रुपए के पास पहुंच जाने देंगी। उनका परिवार नहीं खाता, लेकिन देश के करोड़ो आम लोग तो प्याज खाते हैं। यह उनके रोज के खानपान का हिस्सा है। अगर उसकी दरे अस्वाभाविक रूप से बढ़ती हैं तो उसकी रोकथाम का उपाय तो सरकार को ही करना होगा।

पूर्व विधायक और वित्तीय मामलों के जानकार रमेश वल्र्यानी ने कहा, ऐसे बयानों के जरिए केंद्र सरकार और उनके मंत्री गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं। वल्र्यानी ने कहा, वित्त मंत्री प्याज नहीं खातीं, कोई बात नहीं। लेकिन वे यह क्यों भूल जाती हैं कि प्याज गरीब भारतीयों के भोजन का हिस्सा है। जब सरकार को पता था कि प्याज का उत्पादन कम होगा तो समय से आयात क्यों नहीं किया गया। समय से आयात होता तो मांग-आपूर्ति का संतुलन बना रहता और जनता को तरसना नहीं पड़ता।

बचाव में उतरी भाजपा
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने सीतारमन का बचाव किया। उन्होंने कहा, केंद्रीय वित्त मंत्री ने जो बाते कहीं हैं, कांग्रेस उसका दूसरा मतलब निकाल रही है। कांग्रेसियों को ऐसे में मामले में राजनीति से बाज आना चाहिए।
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