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जानिये छत्तीसगढ़ में आधी आबादी के राजनीतिक सफर का इतिहास

locationरायपुरPublished: Apr 19, 2019 12:08:13 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

इस बार के लोकसभा चुनाव परिणाम महिला उम्मीदवारों के साथ साथ आधी आबादी के राजनितिक भविष्य की दिशा तय करेगी।

women politician

जानिये छत्तीसगढ़ में आधी आबादी के राजनितिक सफर का इतिहास

रायपुर. लोकसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ में महिलाओं को उम्मीदवार बनाने के मामले में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी बराबरी पर है।छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस और भाजपा ने दो-दो सीटों पर महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।कांग्रेस ने कोरबा सीट से ज्योत्सना महंत और दुर्ग सीट से प्रतिमा चंद्राकर को टिकट दिया है।


वहीं भाजपा ने रायगढ़ लोकसभा सीट से गोमती साय तथा सरगुजा से रेणुका सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी ने सरगुजा से माया भगत, दुर्ग से गीतांजलि सिंह और राजनांदगांव से रविता लकड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

छत्तीसगढ़ में आधी आबादी का राजनितिक इतिहास

पिछले लोकसभा चुनावाें में आधी आबादी को मौका देने में कांग्रेस आगे रही है तथा भाजपा दूसरे नम्बर पर है। अविभाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा रहे जांजगीर लोकसभा सीट से 1957 में कांग्रेस ने सबसे पहले मिनी माता अगम को अपना उम्मीदवार बनाया था। मिनी माता ने यह चुनाव जीता और इसके बाद इसी सीट से कांग्रेस की टिकट पर लगातार चार बार चुनाव लड़ी और जीत दर्ज की।
कांग्रेस ने 1960 से 1990 के दशक में रायगढ़ लोकसभा सीट से राजपरिवार की महिलाओं को राजनीति में उतरने का मौका दिया था। वर्ष 1967 में कांग्रेस ने रजनी देवी को टिकट दिया जिन्होंने यह चुनाव जीता।इसके बाद 1980 , 1984 और 1991 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पुष्पा देवी ने जीत का परचम लहराया।
भाजपा ने 2004 के आम चुनाव में जांजगीर-चांपा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गयी। इसके बाद भाजपा ने यहां से महिलाओं को प्रतिनिधित्व का अवसर देते हुए 2009 और 2014 में कमला पाटले को टिकट दिया । पाटले ने दोनों बार यहां से जीत दर्ज की।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 1996 से भाजपा के कब्जे वाली बिलासपुर लोकसभा सीट से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी डॉ. रेणु जोगी को चुनाव मैदान में उतारा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा और डॉ. जोशी भाजपा के कद्दावर नेता दिलीप सिंह जूदेव के हाथों परास्त हो गयी।
कांग्रेस ने 2014 के चुनाव में भी बिलासपुर सीट से महिला उम्मीदवार को खड़ा किया और पहले भाजपा में रही करुणा शुक्ला को उम्मीदवार बनाया लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस को सफलता नहीं मिली और 2014 के आम चुनाव में मोदी लहर का फायदा भाजपा को मिला।
आम आदमी पार्टी ने 2014 के चुनाव में नक्सली बहुल बस्तर लोकसभा सीट से सोनी सोरी को उम्मीदवार बनाया।सोरी के चुनाव लड़ने से तब काफी विवाद हुआ । उन पर नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखने तथा उन्हें सहायता पहुंचाने का आरोप लगा। नक्सलियों ने भी उन पर चुनाव लड़कर सरकार और निजी उद्योग संस्थानों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया और सोनी सोरी को चुनाव हार गयी ।
इस बार के लोकसभा चुनाव परिणाम महिला उम्मीदवारों के साथ साथ आधी आबादी के राजनितिक भविष्य की दिशा तय करेगी।

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