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Unlock Raipur: बाजार अनलॉक लेकिन मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर रहेंगे लॉक, 47 दिनों बाद भी नहीं हटी पाबंदी

locationरायपुरPublished: May 29, 2021 11:35:53 am

Submitted by:

Ashish Gupta

Unlock Raipur: बाजार, गार्डन, जिम, शापिंग मॉल, यानी करीब-करीब सब कुछ ऑनलाक (Unlock) हुआ है। शादी-विवाह में अब 50 लोग शामिल हो सकते हैं। बशर्तें मास्क,सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेसिंग का पालन जरूरी है, क्योंकि कोरोना संक्रमण कम हुआ है समाप्त नहीं।

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Unlock Raipur: बाजार अनलॉक लेकिन मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर रहेंगे लॉक, 47 दिनों बाद भी नहीं हटी पाबंदी

ऑनलाक (Unlock) हुआ है। शादी-विवाह में अब 50 लोग शामिल हो सकते हैं। बशर्तें मास्क,सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेसिंग का पालन जरूरी है, क्योंकि कोरोना संक्रमण कम हुआ है समाप्त नहीं। परंतु भगवान के दरवाजे अभी भी भक्तों के लिए पहले जैसा ही बंद हैं। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघरों में पाबंदी कायम है। ऐसा नौ अप्रैल को पहला [typography_font:14pt;” >रायपुर. बाजार, गार्डन, जिम, शापिंग मॉल, यानी करीब-करीब सब कुछ लॉकडाउन (Lockdown) लगने के साथ ही जारी है। ऐसे में धार्मिक स्थानों में सेवा देने वाले पुजारी, इमाम, ग्रंथी और पादरियों की सुध प्रशासन ने नहीं लिया। दान-चढ़ाबा जो हमेशा श्रद्धालुओं के माध्यम से मिलता रहा, वह पूरी तरह से बंद हैं।

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जिला प्रशासन ने धार्मिक स्थानों और आयोजनों में रोक लगा रखा है, इसलिए मंदिरों में पुजारी ही भगवान की पूजा-आरती कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है। इन स्थितियों में शहर के सभी छोटे-बड़े मंदिरों के पुजारी परिवार मुश्किल हैं विगत 47 दिनों से। लॉकडाउन के कारण शादी-विवाह के कार्यक्रम भी बहुत ही कम हुए।
इस कोरोना बीमारी के कारण लोग घरों में कथा कराने से भी परहेज किए। ऐसे जिन पंडितों और पुरोहितों का परिवार कर्मकांड के सहारे ही होता रहा, वे विकट स्थितियों में ही घिरे हुए हैंं, उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली। जो अब जिला प्रशासन से छूट मिलने की राह देख रहे हैं।

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मंदिर से जुड़े कई परिवार संकट में
प्राचीन महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला का कहना है कि राजधानी में हजार से अधिक मंदिर हैं। पुजारी परिवार ही नहीं, बल्कि हर मंदिर के आसपास कई परिवार पूजन सामग्री की दुकानों से अपना गुजारा चलाते हैं। वह सब बंद है। परिवार संकट में हैं। जिला प्रशासन से मांग है कि मास्क, सेनिटाइजर, और सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों के तहत मंदिरों में श्रद्धालुओं के आने की अनुमति जारी की जाए।

मस्जिदों में इमाम समेत पांच लोगों को अनुमति
शहर काजी मौलाना मोहम्मद अली फारुकी के अनुसार लॉकडाउन लगने के साथ ही मस्जिदों में इमाम सहित पांच लोगों को नमाज पढऩे की अनुमति मिली हुई थी। लेकिन अब धार्मिक स्थानों को भी कोरोना नियमों के तहत अनलॉक करने का इंतजार है। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग इबादत कर सकें।

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अलग-अलग समय में अरदास को मिले अनुमति
सबसे पुराने स्टेशन रोड गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी, ज्ञानी अमरीक सिंह के अनुसार मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को छूट मिलनी चाहिए। गुरुद्वारों का हॉल बड़ा होता है। इसलिए सीमित संख्या और अलग-अलग समय में श्रद्धालुओं के आने के लिए गाइड लाइन जारी की जानी चाहिए।

गिरजाघरों में प्रार्थना सभा बंद
पादरी अजय मार्टिन के अनुसार लॉकडाउन के कारण गिरजाघरों में प्रार्थना सभा बंद है। कोरोना के इस भीषण संकट में हर किसी को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। गिरजाघरों में दान की राशि में काफी कमी हुई है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ डायसिस की कमेटी ने राहत पहुंचाने का ठोस कदम उठाया है।

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