नगरीय प्रशासन विभाग पिछले कुछ महीनों से लगातार निकायों की देनदारी और राजस्व वसूली पर नजर जमाए बैठे हैं। लगातार निकायों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और राजस्व वसूली में तेजी लाने की हिदायत दी जा रही है। इसके बाद भी कुछ निकायों की आर्थिक स्थिति खराब होने की जानकारी विभाग को मिलती रही है।
इसे देखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों से देनदारों की सूची और राजस्व वसूली की रिपोर्ट मांगी है। इसमें पूछा गया कि निकाय नियमित और प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए नियुक्ति कर्मचारियों के वेतन में कितना रुपए खर्च करती है। इसमें जून से जुलाई तक की जानकारी देने को कहा गया है। इसके अलावा चुंगी क्षतिपूर्ति से मिलने वाली आय, राजस्व वसूली, संचित निधि में जमा राशि और ब्याज से मिलने वाली राशि की भी जानकारी मांगी गई है।
वेतन के लिए कुछ दिन पहले ही राशि जारी
सरकार ने इससे पहले भी निकायों को वेतन के लिए कुछ दिनों पूर्व ही राशि जारी की है। निकायों को यह राशि ऋण के रूप में दी गई है। इसकी वसूली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से की जाएगी। हालांकि सभी निकायों को यह राशि नहीं दी गई थी। अब अन्य निकायों को भी इसकी आवश्यकता पडऩे की संभावना दिख रही है। यही वजह है कि निकायों से देनदारों और राजस्व की जानकारी मंगाई जा रही है।
सरकार ने इससे पहले भी निकायों को वेतन के लिए कुछ दिनों पूर्व ही राशि जारी की है। निकायों को यह राशि ऋण के रूप में दी गई है। इसकी वसूली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से की जाएगी। हालांकि सभी निकायों को यह राशि नहीं दी गई थी। अब अन्य निकायों को भी इसकी आवश्यकता पडऩे की संभावना दिख रही है। यही वजह है कि निकायों से देनदारों और राजस्व की जानकारी मंगाई जा रही है।