रायपुर

सब्जी की कीमतों में लगी आग तो यूपी-बिहार के कारोबारियों ने छत्तीसगढ़ की मंडी में जमाया डेरा

– महंगाई (Vegetable price hike) के चलते छत्तीसगढ़ में पहुंचे यूपी-बिहार के कारोबारी- 30-40 ट्रक रोजाना दूसरे राज्यों में सप्लाई

रायपुरOct 14, 2020 / 01:58 pm

Ashish Gupta

यूपी-बिहार के कारोबारियों ने छत्तीसगढ़ की सब्जी मंडी में जमाया डेरा, जानिए वजह

रायपुर. यूपी-बिहार में सब्जियों की भारी महंगाई (Vegetable price hike) के बाद अब वहां के कारोबारियों ने राजधानी की सब्जी मंडी और किसानों की बाड़ियों में डेरा जमा लिया है, और यहां से बड़ी मात्रा में रोजाना 30-40 ट्रक सब्जियों की सप्लाई दीगर प्रदेशों में की जा रही है। सब्जियों की महंगाई ने जहां लोगों की जेबे ढ़ीली कर दी है, वहीं अभी एक महीने तक राहत की भी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। सब्जियों की कीमतें बीते एक महीने से कम होने का नाम नहीं ले रही है।
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कारोबारियों के मुताबिक अंदाजा पत्ता गोभी की कीमत से लगाया जा सकता है, जो कि अक्टूबर महीने में हर साल 10 से 15 रुपए किलो रहती थी। बाजार अब कीमतें 30 से 40 रुपए हो चुकी है। थोक कारोबारियों के मुताबिक बेमौसम बारिश की वजह से सब्जियों की कीमतों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है, वहीं यूपी, बिहार में सबसे ज्यादा तबाही हुई और सब्जियों की फसल चौपट हो गई।
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किसानों को 10 से 15 हजार ज्यादा कीमत
दीगर प्रदेशों में कम से कम 30 से 40 ट्रक सब्जियों का निर्यात किया जा रहा हैं,वहीं स्थानीय किसानों को मुंह मांगी रकम दी जा रही है। दीगर राज्यों के कारोबारी स्थानीय मंडियों के भाव के मुकाबले 4 से 5 रुपए प्रति किलो ज्यादा कीमत दे रहे हैं। ऐसे में किसानों में एक ट्रक में 10 से 15 हजार रुपए की अतिरिक्त आवक हो रही है। थोक सब्जी बाजार डूमरतराई के कारोबारियों का कहना है कि यदि यह सब्जियां थोक मंडी में आती तो कीमतों से कुछ राहत मिलती।

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दिवाली के बाद उम्मीद
थोक सब्जी बाजार डूमतराई के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि वर्तमान हालातों के मद्देनजर दिवाली के बाद ही राहत की उम्मीद जताई जा रही है। सितंबर महीने तक बारिश की वजह से स्थानीय फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। दोबारा फसल लगाई गई है, जो कि दो से तीन महीने बाद आ रही है। इसलिए संभावित हैं कि दिवाली के बाद स्थानीय सब्जियों की आवक शुरू होने के बाद राहत मिलेगी।

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