लोग आलू प्याज के सहारे
हरी सब्जियों के दाम में अचानक आई महंगाई से मध्यम और गरीब परिवारों की थाली में सब्जी लगभग गायब सी हो गई है। लोग आलू प्याज के सहारे पेट भरने पर मजबूर हैं। आमतौर पर हरी सब्जी जो 10 से 15 किलो मिल जाती थी, लेकिन वहीं अब 50 से 60 रुपए से नीचे नहीं मिल रही है।
किलों की जगह अब पांव से ही संतुष्ट
बरसात का मौसम आमतौर पर हरी सब्जियों में महंगाई तो लेकर आती है। लेकिन इस बार की महंगाई का असर रसोई तक पहुंच गई है। 10 से 5 रुपए किलो में मिलने वाला टमाटर 50 रुपए किलो बिक रहा है। कल तक एक-एक किलो टमाटर खरीदने वाले लोग अब पांव से ही खुद को संतुष्ट कर रहे हैं।
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बाजार में कम हुए खरीददार
जहां महंगाई ने रसोई में आग लगाई है वहीं अधिकांश लोग सब्जियों के दाम पूछ कर ही संतोष कर ले रहे हैं। सब्जी में बढ़ती महंगाई के कारण अब बाजारों में लोगों की भीड़ कम हो रही है। एक ओर भरपूर खरीददार ना मिलने के कारण सब्जी व्यापारियों की सब्जियां भी पड़े पड़े खराब हो रही है। सब्जी महंगाई का कारण बताया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में उगने वाली सब्जियां बाजार में नहीं पहुंच रही है। ग्रामीण किसान जो सब्जियां उगाते हैं, वे खरीफ फसल की जुताई बुआई आदि में व्यस्त हैं। vegetable Price Hike