रायपुरPublished: Jun 28, 2022 12:37:38 pm
CG Desk
सांप का नाम सुनकर ही रूह कांप उठती है. लेकिन रायपुर जिले के एक गांव के लोग सांपों से बिलकुल नहीं डरते. वहीं लोग बताते हैं कि सांप भी उन्हें नहीं काटते. पढ़िए पूरी कहानी…
रायपुर. आमतौर पर सांप का नाम ही डराने के लिए काफी होता है. अगर सामने सांप आ जाए..तो क्या हालत होती है, बताने की जरूरत नहीं. लेकिन छत्तीसगढ़ के एक गांव में सांपों और लोगों के बीच गजब रिश्ता देखने को मिलता है. यह गांव है रायपुर जिले का डिघारी गांव. इस गांव में कोई भी शख्स किसी सांप को नहीं मारता. वहीं, गांववाले बताते हैं कि आज तक इस गांव में किसी भी व्यक्ति को सांप ने नहीं काटा. जबकि गांव के आसपास बड़ी संख्या में सांप रहते हैं.
गांव में है नागों का मंदिर..
करीब 1500 की आबादी वाले इस गांव में नाग मंदिर है. इसकी स्थापना 2008 में की गई थी. इसके के पीछे गांववालों की सांपों के प्रति आस्था है. आरंग विकासखंड के डिघारी गांव में नागपंचमी पर विशाल मेला लगता है. कहते हैं कि इस मंदिर में आने पर सांपों का काटा व्यक्ति भी ठीक हो जाता है. वहीं, आगे भी उसे कोई सांप नहीं काटता.
सांपों और लोगों के इस रिश्ते को लेकर एक किवदंती है. लोग बताते हैं कि सदियों पहले यहां एक ब्राह्मण परिवार रहता था. उसे सपने में एक सांप आया. सांप के मुंह में काटा लगा हुआ था. वो दर्द से तड़प रहा था. सांप ने ब्राह्मण से मदद मांगी. ब्राह्मण जब अगले दिन सोकर उठा..तो सचमुच में उसका सामना सपने वाले सांप से हो गया. ब्राह्मण ने सांप के मुंह से काटा निकाल दिया. वो भी अपना हाथ डालकर. इसके बाद नागराज ने वरदान दिया कि डिघारी की सीमारेखा के अंदर कोई भी सांप किसी व्यक्ति को नहीं काटेगा. अब अगर कोई सांप गांव में आ जाता है, तो लोग उसे पकड़कर सीमा के बाहर छोड़ आते हैं.