क्या है कॉल विशिंग
साइबर ठग अक्सर बैंक अधिकारी-कर्मचारी बनकर, कस्टमर केयर अधिकारी बनकर या किसी कंपनी का अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और लोगों से उनकी बैंक खाता नंबर, क्रेडिट-डेबिट कार्ड, इंश्योरेंस पॉलिसी, आधार कार्ड आदि गोपनीय जानकारी पूछकर ऑनलाइन ठगी करते हैं। कॉल के अलावा वॉयस मैसेज, मैसेजकर लॉटरी, इनाम जीतने, ऑफर आदि के नाम पर झांसा देते हैं। सोशल मीडिया के जरिए भी दोस्ती, मैरेज, कारोबारी आदि के संबंध में मैसेज करके फंसाते हैं।
क्रिप्टो करंसी भी बरगलाने लगे
इन दिनों क्रिप्टो करंसी चर्चा में है। अब साइबर ठगों ने इसके नाम पर भी लोगों को बरगलाना शुरू कर दिया है। क्रिप्टो करंसी में निवेश से भारी मुनाफा दिलाने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगने लगे हैं। ऐसे 9 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें लोगों को क्रिप्टोकरंसी के नाम पर ऑनलाइन ठगा गया है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
-ऐसे कॉल का जवाब न दें, जिसमें यूजर आईडी, पासवर्ड, डेबिट कार्ड-क्रेडिट कार्ड नंबर, पिन नंबर, सीवीवी नंबर आदि अपडेट करने या वेरीफाइ करने कहा जाए।
-किसी क्रेडिट-डेबिट कार्ड के पासवर्ड, पिन, टिन नंबर आदि गोपनीय होते हैं। इसकी जानकारी किसी बैंक अधिकारी-कर्मचारी को भी नहीं रहती है।
-अधिकृत और सुरक्षित वेबसाइटों में ही दिए गए कस्टमर केयरों पर कॉल करें न कि मिलते-जुलते और तकनीकी रूप से असुरक्षित वेबसाइटों में दिए नंबरों पर।
-साइबर ठगी होने पर तत्काल साइबर हेल्पलाइन नंबर 155260 में कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं।
केस-1
18 नवंबर 2021 को सुंदरनगर निवासी शिक्षक गंगाधर राव ने डीडी नगर थाने में अपराध दर्ज कराया। उन्हें बैंक कर्मचारी बनकर साइबर ठग ने कॉल किया और उनका क्रेडिट कार्ड बंद कराने का आश्वासन दिया। और इसके लिए क्वीकसपोर्ट मोबाइल एप डाउनलोड करने के लिए कहा। शिक्षक ने एप डाउनलोड किया। इसके बाद ठग ने उनके खाते से 32 हजार 412 रुपए पार कर दिया। इसकी शिकायत पर पुलिस जांच कर रही है।
केस-2
30 सितंबर को सड्ढू निवासी विशाल को एक युवती ने कॉल किया और चैटिंग-डेटिंग का ऑफर दिया। युवक उसकी बातों में आ गया। इसके बाद चैटिंग और बाद में मीटिंग करने की आड़ में अलग-अलग दिन युवक से कुल 7 लाख 12 हजार 800 रुपए ऑनलाइन जमा करवा लिया। बाद में युवती ने मुलाकात भी नहीं की। इसकी शिकायत पर विधानसभा पुलिस जांच कर रही है।