डायरेक्टर की तरह काम है पोस्टर बनाना
मैं समझता हूँ पोस्टर बनाने में डायरेक्टर का नजरिया होता है। क्योंकि वह फ़िल्म के कई सीन को काटकर-जोड़कर फ़िल्म बनाता है। हमको बहुत से फ़ोटो को जोड़कर पोस्टर तैयार करना होता है। इसके लिए डायरेक्टर की तरह विजन होना चाहिए तभी पोस्टर में जान आती है।रघुवीर से हुई शुरुआत
प्रेम चन्द्राकर की रघुवीर पहली फ़िल्म है जिसका पोस्टर मैंने बनाया। प्रेम भैया के साथ एल्बम में काम कर चुका था। जब उन्होंने फिल्म के लिए कहा तो मैंने यही जवाब दिया कि ट्राई करूँगा। पोस्टर जब बना तो उन्हें काफी पसन्द आया।काम से प्यार करता हूँ, इसलिए दबाव पसंद नहीं
मैं अपने काम से बेइंतहा प्यार करता हूँ। यही वजह है कि वह रिफ्लेक्ट होकर काम में नजर आता है। इसलिए मैं अपनी शर्तों पर काम करना पसंद करता हूँ। मैं नहीं चाहता कि कोई मेरे काम को बिगाड़ दे। इसलिए मैं किसी को रॉ फाइल नहीं देता। इसलिए मैं प्रिंट तक की जिम्मेदारी लेता हूँ। ताकि बेहतर नतीजा दे सकूं।