सबसे अच्छे संकेत दूसरे वैवाहिक सीजन (Wedding Season) यानी अप्रैल मई व जून में होने वाले वैवाहिक आयोजनों के लिए हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा शुभ मुहूर्त रहेंगे और संभावना है कि कोरोना का असर मई और जून में कम हो जाएगा।
वसंत पंचमी, अक्षय तृतीया और देवउठनी अबूझ मुहूर्त को मिलाकर शादियों के लिए कुल 52 दिन शुभ रहेंगे। इस साल जनवरी में 3 और फरवरी में 8 विवाह मुहूर्त रहेंगे। फिर अप्रैल में 6 दिन शादियों हो पाएंगी। वहीं, सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई में 15 और जून में 12 दिन रहेंगे। इसके बाद जुलाई में 5 दिन और नवंबर में 4 दिन और दिसंबर में 7 विवाह मुहूर्त रहेंगे।
ज्योतिषाचार्य पवन शास्त्री रीवा वाले ने बताया गुरु अस्त होने से पहले विवाह सीजन के बाद 22 फरवरी तक शादियां हो पाएंगी। 23 फरवरी को गुरु अस्त हो जाने के बाद 17 अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू होगा। जो कि 8 जुलाई तक रहेगा। फिर 10 जुलाई को देवशयन होने से चातुर्मास शुरू हो जाएगा और 20 नवंबर तक शादियों के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे। इसके बाद 21 नवंबर से 14 दिसंबर तक सिर्फ 9 ही विवाह मुहूर्त होंगे।
दो बार शुक्र अस्त, लेकिन मुहूर्त पर असर नहीं
ज्योतिषाचार्य संतोष शर्मा ने बताया कि इस साल शुक्र दो बार अस्त हो रहा है। पहला, जनवरी में खरमास के समय और दूसरी बार अक्टूबर-नवंबर में चातुर्मास के दौरान। इस तरह साल में कुल 55 दिन तक शुक्र अस्त रहेगा। लेकिन 23 फरवरी से 27 मार्च तक गुरु ग्रह के अस्त होने की वजह से इन दिनों होने वाले विवाह मुहूर्त पर असर पड़ेगा। इस बार वसंत पंचमी पर शुक्र और गुरु ग्रह उदय रहने से विवाह मुहूर्त में रुकावट नहीं होगी।