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अब वेबसाइट से घर बैठे वोटर देख सकेंगे मतदान केंद्र पर कितनी है भीड़

locationरायपुरPublished: Oct 13, 2018 12:44:55 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

इस बार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को कई तरह की सुविधा दी जा रही है। इसके जरिए मतदाता घर बैठे इंटरनेट के जरिए आसानी से इस बात का पता लगा सकते हैं कि उनके बूथ में कितनी लंबी लाइन लगी है।
 

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अब वेबसाइट से घर बैठे वोटर देख सकेंगे मतदान केंद्र पर कितनी है भीड़

रायपुर. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर इस बार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को कई तरह की सुविधा दी जा रही है। मतदाताओं को मतदान के दौरान बूथ में लगी लंबी कतार की जानकारी देने के लिए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम भी लागू किया जा रहा है। इसके जरिए मतदाता घर बैठे इंटरनेट के जरिए आसानी से इस बात का पता लगा सकते हैं कि उनके बूथ में कितनी लंबी लाइन लगी है। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीइओ) सुब्रत साहू ने फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब पर मतदाताओं से सीधे संवाद कार्यक्रम के दौरान दी।
इस दौरान उन्होंने अनेक मतदाताओं के सवालों के जवाब दिए और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। मतदाताओं के सवालों का जवाब देते हुए सीइओ साहू ने बताया कि राजनीतिक दलों और शासकीय कर्मचारियों के साथ-साथ चुनाव कार्य में लगे आम लोगों पर भी आदर्श आचार संहिता लागू होती है। लाइव के दौरान अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एस. भारतीदासन और संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी समीर विश्नोई सहित निर्वाचन कार्य से जुड़े सोशल मीडिया विंग के अधिकारी और तकनीकी स्टॉफ भी मौजूद थे।

वाट्सएप का पंजीयन अनिवार्य नहीं
एक सवाल के जवाब में सीइओ साहू ने बताया कि राजनीतिक चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए वाट्सएप नम्बर का पंजीयन करना अनिवार्य नहीं है। हालांकि राजनीतिक दल के जो प्रतिनिधि चुनाव लडऩे के लिए नामांकन फार्म भरेंगे, उसमें उन्हें सभी सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी देनी होगी। सोशल मीडिया का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए कर सकते हैं। इसमें व्यय होने वाली राशि को उनके खर्चों में जोड़ा जाएगा। उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया है कि फेसबुक पर भी आदर्श आचार संहिता लागू होगी।

हटाने होंगे फोटो वाले कैलेण्डर
साहू ने एक सवाल के जवाब में कहा, कि मुख्यमंत्री ही नहीं, बल्कि किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी या नेता के कैलेण्डर शासकीय कार्यालय में नहीं लगाए जा सकते हैं। इसे हटाने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। इस अन्य प्रश्न के जवाब में सरकारी मोबाइल फोन के वॉलपेपर लगी फोटो मतदाता चाहते, तो लगा सकते हैं या फिर हटा सकते हैं।
10 फीसदी मतदान केंद्रों में सीसीटीवी कैमरा: सीइओ साहू ने बताया कि प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों की वीडियोग्राफी करने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील 10 फीसदी मतदान केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पंचायतों में भी विधायक निधि की राशि का वितरण नहीं किया जाएगा।

दलों की वेबसाइट में भी होगी आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने मीडिया से बातचीत में उम्मीदवारों को नामांकन से परिणाम घोषित होने तक व्यय लेखा का हिसाब रखना होगा और 30 दिन के भीतर अपना व्यय लेखा प्रस्तुत करना होगा। साथ ही पंजीकृत राजनीतिक दलों को 40 और गैर पंजीकृत राजनीतिक दलों को 20 स्टर प्रचारक मैदान में उतरने की अनुमति होगी। इनकी सूची पहले से उपलब्ध करनी होगी। सभा में प्रत्याशी का नाम लेने, प्रत्याशी का मंच साझा करने और प्रत्याशी का बैनरपोस्टर होने पर उसका खर्च प्रत्याशी के खाते में जुड़ जाएगा।

साहू ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के नए शपथ पत्र के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। आपराधिक पुष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को अपने राजनीतिक दल को भी इस अपराध की जानकारी देनी होगी। सीइओ की वेबसाइट के अलावा राजनीतिक दलों की साइट में भी उनको आपराधिक जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। इसके अलावा नामांकन जमा होने की तिथि से मतदान तिथि के दो दिन पहले तक की अवधि में उम्मीदवारों को समाचार पत्रों में अपनी आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी दी जाएगी।

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