हालांकि प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीटों को एमसीआई से स्थायी संबद्धता है। मगर, शेष कॉलेजों को नहीं। इसके लिए लगभग सभी कॉलेजों में एमसीआई का निरीक्षण हो चुका है। मगर, कोरोना वायरस के चलते प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती है। अंबिकापुर शासकीय मेडिकल कॉलेज में एमसीआई ने दिसंबर में निरीक्षण किया था, मगर कुछ कमियां गिनाई थी। इन कमियों को दूर कर स्वास्थ्य विभाग ने एमसीआई के समक्ष रिपोर्ट रखी थी, मगर फरवरी तक टीम अंबिकापुर नहीं पहुंची। गौरतलब है कि अंबिकापुर बीते सत्र में जीरो ईयर था।
एमबीबीएस की सीट-
एमसीआई से स्थायी संबद्धता-
पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, रायपुर- 180
छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेंस (सिम्स), बिलासपुर- 180
स्व. बलीराम कश्यप मेमोरियल मेडिकल, जगदलपुर- 125
अभी नहीं है स्थाई संबद्धता-
स्व. लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, जगदलपुर- 60
स्व. अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, राजनांदगांव- 125
शासकीय मेडिकल कॉलेज, अंबिकापुर- 100 (पिछले साल जीरो ईयर घोषित)
तीन निजी कॉलेजों की स्थिति
स्व. चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज दुर्ग, श्रीशंकराचार्य मेडिकल कॉलेज भिलाई और रायपुर इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइसेंस (रिम्स) रायपुर में एमबीबीएस की 150-150 सीटें हैं। इन्हें भी सत्र 2020-21 के लिए एमसीआई से दाखिले की अनुमति का इंतजार है।
तीन नए कॉलेज अगले सत्र में
केंद्र सरकार की योजना के तहत इसी साल कोरबा, कांकेर और महासमुंद में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य को अनुमति जारी कर दी है। मगर, इस सत्र में कॉलेज नहीं खुलेंगे। क्योंकि तैयारियां नहीं हैं। पूरा अमला कोरोना की रोकथाम में लगा हुआ है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय से मिली जानकारी के मुताबिक अगले सत्र के लिए ही तैयारियां की जाएंगी। राज्य सरकार ने इन कॉलेजों में एमबीबीएस की १००-१०० सीट के लिए आवेदन किया था। इन कॉलेजों के खुलने से राज्य में डॉक्टरों की संख्या में इजाफा होगा।
अभी तीन कॉलेजों की सीटों को एमसीआई से स्थाई संबद्धता है। अंबिकापुर में जो भी कमियां थी, वे सभी दूर कर ली गई हैं। कोरोना के चलते अभी तक एमसीआई से कोई कम्प्युनिकेशन नहीं हुआ है। एक, डेढ़ महीने से चीजें स्पष्ट होंगी।
-डॉ. निर्मल वर्मा, अतिरिक्त संचालक, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय